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घर एवं आत्म-रक्षा हेतु विशेष प्रस्तुति...
प्रस्तुत ग्रन्थ के माध्यम से बिना किसी विशेष नियमादि के ही शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाले अनुभूत साबर मन्त्रों द्वारा घर को कीलना बताया गया है और साथ ही उनकी सम्पूर्ण क्रिया-विधि का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है जिससे कि कोई भी व्यक्ति मात्र ग्रन्थ में वर्णित विधि का अनुसरण कर सफलतापूर्वक अपने घर को कील सकता है । घर की कीलनी के अतिरिक्त अपने व्यवसाय स्थल को भी कीला जा सकता है ।
गृहकीलनी से आशय घर को सुरक्षाकारी मन्त्रों से उसकी सभी दिशाओं को बाँधकर दुष्टों द्वारा किए गए जादू टोना, नज़रदोष, लाग, दुष्ट वायवीय उपद्रवों आदि से घर की सुरक्षा से लिया गया है ।
साबर मन्त्र साधनाएँ अत्यन्त ही प्रभावशाली होती हैं । विधि पूर्वक करने पर इनके चमत्कारिक प्रभावों को स्वयं ही महसूस किया जा सकता है । हमेशा स्मरण रहे कि अपूर्ण विधि और लगन व अथक परिश्रम के बिना कोई भी प्रक्रिया कभी भी पूर्ण नहीं होती है ।
इन विधाओं पर आधारित पुस्तकों पर से लोगों का विश्वास लगभग- लगभग उठ ही चुका है । कारण पुस्तकों में दिए गए मन्त्रों की विधियों का अत्यन्त ही संक्षिप्त रूप में विद्यमान होना ।
किसी ने कोई मन्त्र लिखा और विधि के नाम पर चार पंक्तियाँ दे कर विधान ही समाप्त कर दिया । और फिर जब कोई व्यक्ति इसे पढ़ कर मंत्र सिद्धि का प्रयास करता है तब उसे विधि की अपूर्णता का एहसास होता है और उस संक्षिप्त विधि में अपनी ओर से मनमाने क्रिया-कलापों को जोड़ता चला जाता है । जब क्रिया ही भ्रष्ट हो चुकी हो तो परिणाम मनोवांछित प्राप्त हो जाए ये भी मुमकिन तो नहीं । और मंत्र सिद्ध न होने पर अथवा मनोवांछित फल प्राप्त न होने पर वह मायूस हो जाता है ।
लोकोपकार हेतु इस ग्रन्थ में गृह सुरक्षा तथा आत्म-रक्षा के साबर मन्त्रों का विधि सहित वर्णन दिया गया है । ध्यान पूर्वक उन्हें पढ़ें, साधना करें और यथार्थता क्या है, यह अनुभव स्वयं करें ।
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