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ज़िन्दगी यहाँ वहाँ ले गयी । हर जगह पर नये नाम जुड़े । अबे अनुराग, एन्यूरग, डॉक्टर अकरिया, डॉग्गी अंकल, गूगलवाले चाचा । पर ज़िन्दगी का एक कोना वो भी है, जो, इनको नहीं, बस अन्नू को ही जानता हैं । ये ज़िन्दगी के उसी कोने की कहानियाँ हैं।
अपनों के लिए लिखी कुछ कहानियाँ हैं, अपनों के बारे में । देखिये, शायद कोई-सी आप को पसंद भी आ जाए ।
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