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"निस्वार्थी" नबाबो की नाइंसाफी (भाग-तीन) सुरहेती के जाट + जवाहर सिंह और फरुखनगर के नबाब की लड़ाई (दुराचारी का पात्रों सहित इतिहास)”

अशोक कुमार जाखड़ निस्वार्थी
Type: Print Book
Genre: Literature & Fiction, Drama/Play
Language: Hindi
Price: ₹239 + shipping
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Description

इस ग्रंथ “निस्वार्थी: नबाबों की नाइंसाफी (भाग-तीन)– सुरहेती के जाट + जवाहर सिंह और फरुखनगर के नबाब की लड़ाई” को मैं उन सभी वीर हिंदू योद्धाओं की पावन स्मृति को समर्पित करता हूँ, जिन्होंने अपने धर्म, संस्कृति और मातृभूमि की रक्षा के लिए साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए इस युद्ध में अपना अमूल्य योगदान दिया।
उनकी शौर्यगाथाएँ केवल इतिहास ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-स्रोत भी रहेंगी।

About the Author

अशोक कुमार जाखड़ ‘निस्वार्थी’
(रिटायर्ड CISF अधिकारी, लोककवि एवं सांस्कृतिक चिन्तक)
हरियाणा की मिट्टी में रचे-बसे अशोक कुमार जाखड़ ‘निस्वार्थी’ का जन्म 1 जनवरी 1958 को ग्राम ढाणा, जिला झज्जर (हरियाणा) में स्वर्गीय श्री कुडे राम जाखड़ एवं श्रीमती बंसती देवी के स्नेहिल आँगन में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा में संघर्षों के बावजूद उन्होंने जीवन को कभी रुकने नहीं दिया। सन 1975 में पढाई छोड दी और 05 वर्ष पशु चराए हल चलाया फसल की सिचाई कटाई कढाई का काम किया, 30 अप्रैल वर्ष 1980 को इनकी शादी विमला देवी अहलावत के साथ गांव डीघल हरियाणा में हुई । एक दिसम्बर वर्ष 1980 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में भर्ती होकर राष्ट्र सेवा का व्रत लिया और बाद में 1986 में हरियाणा बोर्ड से मैट्रिक तथा 1992 में इलाहाबाद बोर्ड से इंटरमीडिएट की परीक्षा पत्राचार द्वारा उत्तीर्ण की। इक्कतीस दिसम्बर वर्ष 2017 में सहायक सब इंसपेक्टर के पद से सेवानिवृत हुए।
सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्होंने साहित्य को अपना जीवन-धर्म बनाया। हरियाणवी लोककाव्य, रागनी और चंपू शैली में उनकी लेखनी ने सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और ऐतिहासिक स्मृतियों को स्वर दिया। उन्हें विद्यावाचस्पति (मानद उपाधि, प्रतापगढ़–2003) तथा डॉक्टरेट (मानद उपाधि, जयपुर–2024) से सम्मानित किया गया।
उनकी प्रमुख रचनाओं में हरियाणा दर्शन काव्य ग्रंथ, परमवीरों का इतिहास, चंद्रकिरण, कारगिल विजय, ऑपरेशन सिंदूर, श्रीकृष्ण उद्धव, निस्वार्थी उद्योग पर्व, भागवत भजनावली, तथा निस्वार्थी नबाबों की नाइंसाफी (भाग 1, 2, 3) विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उनकी लेखनी में हरियाणवी मिट्टी की सोंधी गंध, जनजीवन की सच्चाई और सामाजिक सरोकारों की गूंज स्पष्ट सुनाई देती है।
साहित्यिक विशेषताएँ:
- हरियाणवी सांग, रागनी और लोककाव्य में गहरी पकड़
- ऐतिहासिक घटनाओं को साहित्यिक रूप में प्रस्तुत करने की विशिष्ट शैली
- नारी सम्मान, सामाजिक न्याय और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के पक्षधर
- सरल, प्रभावशाली और जनमानस को झकझोरने वाली भाषा शैली
- इनकी 16 एकल पुस्तकें और 11 साँझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं
- अब तक स्थानिय संस्था से लेकर बुक आँफ वर्ल्ड रिकार्ड तक अनेको सम्मान और 1000+ ई-सम्मान पत्र प्राप्त हो चुके है।

साहित्य सेवा:
अशोक जी द्वारा स्थापित चार साहित्यिक समूह—निस्वार्थी राष्ट्रीय, देशभक्ति, हिंदीकाव्य, और हरियाणवी समूह ढाणा झज्जर—हरियाणा संख्या:- UDYAM-HR-07-0013422 के अंतर्गत पंजीकृत हैं। इनके उपसमूह भारत माता समूह एवं गौमाता समूह के माध्यम से वे निशुल्क हिंदी एवं हरियाणवी साहित्य की सेवा कर रहे हैं। वे नियमित रूप से ऑनलाइन ऑडियो/वीडियो कवि सम्मेलन आयोजित करते हैं, जिनमें अब तक 5000 से अधिक प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किए जा चुके हैं।
अशोक कुमार जाखड़ ‘निस्वार्थी’
Ex-CISF

Book Details

ISBN: 9788199271418
Publisher: Sjain Publication
Number of Pages: 147
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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"निस्वार्थी" नबाबो की नाइंसाफी (भाग-तीन) सुरहेती के जाट + जवाहर सिंह और फरुखनगर के नबाब की लड़ाई (दुराचारी का पात्रों सहित इतिहास)”

"निस्वार्थी" नबाबो की नाइंसाफी (भाग-तीन) सुरहेती के जाट + जवाहर सिंह और फरुखनगर के नबाब की लड़ाई (दुराचारी का पात्रों सहित इतिहास)”

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