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प्रेम के सौ रंग — आधुनिक हिंदी लघुकविता

आनन्द कुमार आशोधिया, Anand Kumar Ashodhiya
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹195 + shipping
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Description

प्रेम के सौ रंग — आधुनिक हिंदी लघुकविता लेखक आनन्द कुमार आशोधिया द्वारा रचित एक सौ लघुकविताओं का संग्रह है, जो प्रेम को केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि सामाजिक, आध्यात्मिक और मानवीय उत्तरदायित्व के रूप में प्रस्तुत करता है। यह संग्रह समकालीन हिंदी साहित्य में लघुकविता विधा की शक्ति और प्रासंगिकता को प्रमाणित करता है।
इस पुस्तक की भूमिका वरिष्ठ साहित्यकार अशोक कुमार जाखड़ ‘निस्वार्थी’ द्वारा लिखी गई है, जो लेखक की रचनात्मक यात्रा और साहित्यिक परिपक्वता को दर्शाती है। वे बताते हैं कि यह संग्रह केवल सौ कविताएँ नहीं, बल्कि समाज, परिवेश और आत्मचिंतन की सौ बूँदें हैं — जो मौन में मुखरता और शब्दों में संवेदना का संचार करती हैं।
प्रस्तावना में प्रोफेसर रूप देवगुण ने इस संग्रह को हिंदी की लोकसंवेदना की आत्मा कहा है। वे बताते हैं कि आनन्द की कविताएँ प्रेम को केवल रोमांटिक भाव नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना, मातृत्व, बलिदान और आत्म-साधना के रूप में देखती हैं। लघुकविता की शैली में यह संग्रह पाठक और कवि के बीच एक त्वरित, गहन संवाद स्थापित करता है।
डॉ. चन्द्रदत्त शर्मा की समीक्षा इस संग्रह को सौंदर्य और समाज का दस्तावेज़ कहती है। वे रेखांकित करते हैं कि कवि ने लघुता में विराटता को साधा है — दस पंक्तियों में एक विचार, एक कहानी या एक भावनात्मक क्षण को पूर्णता से प्रस्तुत किया है। संग्रह में प्रयुक्त बिम्ब जैसे ‘बलिदान की लौ’, ‘वर्दी में गर्व’, और ‘शांति का स्वर’ सीधे हृदय को स्पर्श करते हैं।
यह पुस्तक उन पाठकों के लिए है जो प्रेम को केवल भावना नहीं, बल्कि विचार, संवेदना और उत्तरदायित्व के रूप में देखना चाहते हैं। प्रेम के सौ रंग एक ऐसा संग्रह है जो आधुनिक हिंदी कविता को नई दिशा देता है — जहाँ शब्दों की सादगी में भावों की गहराई है, और जहाँ हर कविता एक आत्मिक संवाद बन जाती है।

About the Authors

लेखक परिचय — आनन्द कुमार आशोधिया

“लघुकविता के स्वर में संस्कृति का मर्म”
आनन्द कुमार आशोधिया: अनुशासन की भूमि से संवेदना का सृजन
आनन्द कुमार आशोधिया का व्यक्तित्व भारतीय वायु सेना के उच्च अनुशासन और हरियाणवी लोक-संस्कृति की गहरी संवेदनशीलता का एक दुर्लभ संगम है। उनका जीवन एक ओर राष्ट्र सेवा के प्रति गहन समर्पण का प्रतीक रहा है, वहीं दूसरी ओर वे शब्दों के माध्यम से लोक-संवेदना और आधुनिक विचारों के सजग संवाहक बने हैं।
अनुशासन से लघुकविता तक की यात्रा
भारतीय वायु सेना में वारंट अफसर के रूप में दशकों तक राष्ट्र की सेवा करने वाले श्री आशोधिया ने अपनी सेवाकाल में ही लेखन और हिंदी भाषा के प्रति अपने प्रेम को जीवित रखा। लगातार आठ वर्षों तक राजभाषा प्रोत्साहन सम्मान से अलंकृत होना प्रशासनिक स्तर पर हिंदी के संवर्धन के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाता है। यह अनुशासित जीवन ही उनकी कविता में स्पष्टता और संक्षिप्तता लेकर आता है—जो लघुकविता विधा की सबसे बड़ी माँग है।
“प्रेम के सौ रंग — आधुनिक हिंदी लघुकविता”: हिंदी सृजन का नया आयाम
शैक्षणिक रूप से आपने अन्नामलाई विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। यद्यपि आपकी रचनात्मक चेतना का मूल हरियाणवी लोक-भाषा और लोक-धुन (रागनी) में निहित है, किंतु ‘प्रेम के सौ रंग — आधुनिक हिंदी लघुकविता' संग्रह आधुनिक हिंदी कविता में उनका महत्त्वपूर्ण पदार्पण है। यह संग्रह सिद्ध करता है कि एक कवि की दृष्टि लोक-काव्य की विस्तृत गाथाओं से निकलकर, समकालीन जीवन के सूक्ष्म, मार्मिक क्षणों को संक्षिप्त 'बूँदों' में कैद करने में भी उतनी ही समर्थ है।
हरियाणा के गाँव शाहपुर तुर्क (जिला सोनीपत) में 01 अप्रैल को जन्मे श्री आशोधिया, वर्तमान में मुंबई में निवासरत हैं। स्व. श्री रघबीर सिंह एवं श्रीमती रतनी देवी के सुपुत्र, वे अब सेवा-निवृत्ति के पश्चात साहित्य को ही अपना जीवन-धर्म मान चुके हैं।
साहित्यिक अवदान और सांस्कृतिक संकल्प
श्री आशोधिया की 250 से अधिक रचनाओं की विशाल थाती है, जिसमें हिन्दी के साथ साथ हरियाणवी रागनी, किस्सा, दोहा, गीत कविता और गजल शामिल हैं। उनकी 'कारगिल गौरव गाथा' राष्ट्रभक्ति और मानवीय संवेदना के समन्वय के लिए विशेष रूप से प्रशंसित है। इसके अतिरिक्त, वे निस्वार्थी साहित्यिक मंचों से सक्रिय रूप से जुड़े हैं और अनेक साझा संकलनों में प्रकाशित हो चुके हैं।

प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ
• अधराजण — हरियाणवी किस्सा (रागनी साँग शैली में)।
• थारा मुद्दा थारी बात — हरियाणवी लघु कविता सँग्रह।
• किस्सा भगत पूरणमल — रागनी संग्रह (समीक्षा सहित)।
• हीर राँझा – हरियाणवी लोक रागणी संग्रह (पिंगल समीक्षा सहित)।
• अविकावनी — हरियाणवी रागणी संग्रह।
• द्रौपदी: एक लोक चेतना – रागनी, समीक्षा और पुनर्पाठ।
• “प्रेम के सौ रंग — आधुनिक हिंदी लघुकविता” संग्रह (प्रस्तुत कृति) ।
अपने बहुमूल्य साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें हरियाणा संस्कृति गौरव रत्न अवॉर्ड, कारगिल गौरव विजय सम्मान, निस्वार्थी परमवीर सम्मान, हरयाणवी साहित्य रत्न 2025 सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषित किया गया है।
आनन्द कुमार आशोधिया का लेखन केवल काव्य नहीं, अपितु एक सांस्कृतिक संकल्प का जीवंत दस्तावेज़ है। उनका ध्येय है कि अपनी लेखनी के माध्यम से वे लोक-संस्कृति की विरासत को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच तक पहुँचाएँ और आधुनिक हिंदी साहित्य को विचारों की स्पष्टता से समृद्ध करें।

Book Details

ISBN: 9789334455267
Publisher: Avikavani Publishers
Number of Pages: 122
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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