You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
मेरे हाथों में एक रस्सी थी और सामने एक पहाड़। बचपन में एक कहावत सुना था कि रस्सी की रगड़ से पत्थर भी घिस जाते हैं। इसी बात की गांठ बांध मैं निकल पड़ा पहाड़ की छाती को चीरने। ये बात मुझे अच्छे से पता थी कि एक रस्सी के सहारे इसे करना नामुमकिन है। फिर भी इससे कहीं जादा दिल में इस बात की एहसास थी कि मेरे उम्मीदों की रस्सी टूटने से पहले मेरे साथ हथौड़े लिए हजारों हाथ होंगे। ये रस्सी मेरा पहला कदम था और पहाड़ मेरे सपने। अपने पहले कदम में मैं एकदम अकेला था लेकिन मेरा खुद पर विश्वास या कहें कि मेरा आत्मविश्वास, मेरा सबसे बड़ा साथी बनकर हर वक्त साथ खड़ा रहा।
कई बार ऐसे हालात हावी हुएं जिसमें लगा कि मेरे उम्मीदों की रस्सी अब जादा देर नहीं टिक सकेंगे। उस वक्त शुरुआत हुई लोगों और उनके विश्वासों की जो मुझसे एक एक करके जुड़ते गए। ये वही लोग है जिन्होंने मेरे उम्मीदों के टूटने से पहले मुझे अपने कंधों पर बिठाया और एक बार और कोशिश करने में मेरी मदद की। मेरे सपनों का पहाड़ अब भी मेरे सामने था लेकिन इस बार मेरा आत्मविश्वास इस बात पर अडिग था कि मेरी रस्सी अब हथौड़े में बदल चुकी है। ये लोग मेरे मोटिवेशन और मेरे नॉलेज थे जो आपके भी हैं।
अगर आपने भी कोई सपना देखा है। तो आपके चुनौतियों के पहाड़ की छाती पर लीक खींचने में ये क़िताब "ये आसमां तेरे कदमों में है" जरूर मदद करेगी। जरूरी नहीं कि यहां लिखा गया हर शब्द आपको आपके प्रश्नों का उत्तर दे, लेकिन वो उस एक प्रश्न का उत्तर जरूर देगी जो आपके अंदर हथौड़ा पकड़ने की ताकत भर दे।
Read My Book
This is a motivational book of poetry and lyrics... You can change yourself, charge yourself and re–create yourself from these.