You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
भय का भूत सभी को दिखता है
बच्चों ! अनजानी चीजें हमें डराती हैं. इस से हम भयभीत होते हैं. इसलिए उन से डर लगता है. यही डर हमें ‘भय का भूत’ लगने लगता है. भूत हमारा वहम होता हैं. कभीकभी हम, हमारी छाया से डर जाते हैं. वही हमारे लिए भूत हो जाती है.
तब सवाल उठता है कि भूत होतेक क्या हैं? इस का जवाब हमारे पास नहीं हैं. इस को हम ने ‘कांव-कांव के भूत’ में समझाने की कोशिश की है. जो चीज हमें दिखाई नहीं देती हैं, उस से हम डरते हैं तो वह हमारे लिए भूत हो जाती है.
आप दौड़ लगा रहे हो और पीछे से छमछम की आवाज आने लगती है. आप को लगता है कि भूत या चूड़ैल आप के पीछे पड़ गई है. आप भय से भागने लगते हैं. वह भूत या चूड़ैल भी तेजी से आप के पीछे आने लगती है....
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book भूतों वाली कहानियां.