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बेख़ुदी के लमहे (व्यंग्य संकलन)

कुन्दन सिंह परिहार
Type: Print Book
Genre: Humor, Satire
Language: Hindi
Price: ₹239 + shipping
This book ships within India only.
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Description

यह मेरा चौथा व्यंग्य-संकलन है। पहला 'अन्तरात्मा का उपद्रव' 1982 में प्रकाशित हुआ था। तभी पहला कहानी-संग्रह 'तीसरा बेटा' भी आया। उसके बाद स्थितियों का ऐसा चक्र चला कि कहानी-संग्रह तो निकलते रहे, लेकिन अगला व्यंग्य-संग्रह तीन चार प्रकाशकों के पास लम्बे समय तक रहने के बाद भी प्रकाशित नहीं हुआ। पराग प्रकाशन के श्री श्रीकृष्ण गुप्ता के द्वारा पांडुलिपि स्वीकार की गयी और पहला प्रूफ भी निकाला गया, लेकिन फिर पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उन्होंने प्रकाशन का काम बन्द कर दिया। इस बीच सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में मेरी कहानियाँ और व्यंग्य प्रकाशित होते रहे।

About the Author

जन्म 1939 में मध्यप्रदेश के छतरपुर ज़िले के ग्राम अलीपुरा में।
शैक्षणिक योग्यता एम.ए. (अंग्रेज़ी साहित्य), एम.ए. (अर्थशास्त्र), पीएच. डी., एलएल. बी.।
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के महाविद्यालयों में 40 वर्ष से अधिक तक अध्यापन के बाद 2001 में जबलपुर के गोविन्दराम सेकसरिया अर्थ-वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य पद से सेवा-निवृत्त।

रचनाकर्म: 1960 के पश्चात निरन्तर कहानी और व्यंग्य लेखन। लगभग दो सौ कहानियाँ और इतने ही व्यंग्य प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। अब तक पाँच कथा-संग्रह (तीसरा बेटा, हासिल, वह दुनिया, शहर में आदमी, काँटा) और तीन व्यंग्य-संकलन (अन्तरात्मा का उपद्रव, एक रोमांटिक की त्रासदी, नवाब साहब का पड़ोस) प्रकाशित। 1994 में म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन के वागीश्वरी सम्मान और 2004 में राजस्थान-पत्रिका के सृजनात्मकता पुरस्कार से सम्मानित।

Book Details

Publisher: Virgin Sahityapeeth
Number of Pages: 174
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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