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मैं रो रोकर हंसाने आ गया हूं
सभी का दर्द गाने आ गया हूं
कथा सबकी है केवल शब्द मेरे
ये सच्चाई बताने आ गया हूं
मेरे काव्य संग्रह के पाठकों से मेरा अनुरोध है कि वे इन रचनाओं का आनंद तो लें किन्तु इसे मेरी इकलौती बीवी से दूर ही रखें। वैसे तो वह मेरी किसी बात को गंभीरता से लेती नहीं है पर यदि उसे इस किताब के बारे में पता चला और उसने इसकी रचनाओं को गंभीरता से ले लिया तो मेरी स्थिति गंभीर हो सकती है। इस पुस्तक के प्रकाशन का उद्देश्य तो आधी सच्ची और आधी झूठी बातों के माध्यम से अपने पाठकों और श्रोताओं का मनोरंजन करना है किंतु मेरी सफलता से ईर्ष्या करने वालों की कोशिश कामयाब हो गई तो घर में संभावित महाभारत के चलते मुझे ही सड़क पर आना पड़ सकता है।
वैधानिक चेतावनी: पुस्तक को अकेले में पढ़ें और किसी भी सूरत में अपने मुफ्तखोर दोस्तों को पढ़ने के लिए न दें क्योंकि वे इसे पढ़कर आपको लौटा भी देंगे इसकी संभावना न के बराबर है।
अपना और आपका शुभचिंतक
कृष्ण गोपाल विद्यार्थी
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