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"Tutan Judan Ke Swar" is a collection of Hindi poetry. It has soulful poems such as:
"ऊंची ऊंची चिमनियों के पाँव तले,
दफ़न हैं ना जाने कितनी सिसकियाँ,
कहकहों के यार मिलते हैं जमाने में बहुत,
दूसरों का दर्द भी कुछ लीजिये
देखते हैं लोग सिर्फ कंगूरे को ,
नींव पर भी ध्यान तो कुछ दीजिये"
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"ये विकास की कुल्हाड़ियाँ,
जो लेके आये हो,
रख दो थोड़े पल,
सुस्तालो मेरे साये में,
ये साये अभी भी मुफ़्त हैं,
मैने अभी भी,
किराये वसुलने शुरु नहीं किये हैं
थोड़ा ओल्ड्फ़ैशन्ड हूँ,
पर मैं वही पेड़ हूँ"
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"उसकी लकीर मेरी लकीर से बड़ी कैसे,
बहुत मेहनत की तेरे “मैं” ने मेरे “मैं” ने,
कर ली इकट्ठी बहुत डीग्रीया,
बहुत सिढिया चढे,
चल अब शुन्य से फ़िर शुरु करें,
भुलने की कवायद कर लें,
गुजार दी तमाम उम्र अबतक लड्ने में,
बस अब और नही,
सीज फ़ायर कर लें,
कानों के उपर सफ़ेद झंडीयाँ,
झलकने लगी हैं
दाढ़ी अब पकने लगी है"
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