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हिंदी साहित्य के पुरोधा (आलोचना संग्रह)

डॉ. आरती स्मित
Type: Print Book
Genre: Literature & Fiction, Education & Language
Language: Hindi
Price: ₹256 + shipping
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Description

पुरोधाओं पर बात कहना, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को अपनी सीमित बुद्धि से गुनना, आकलन करना कहाँ इतना आसान है! ना ही तो उनके समग्र कृतित्व को विस्तार से माप लेना ही। संधिकाल और संक्रांतिकाल से गुजरनेवाले ये युगचेता नायक पराधीनता और स्वतंत्रता का रंग-रूप, आकार, उसकी परछाई के साक्षी बने। स्वतंत्रता के बाद के टूटन को झेलते हुए, समाज के अलग-अलग तबके से आए, अलग-अलग राहों से गुज़रते, अपने हिस्से के फूल और काँटे चुनते हुए, उन्नीसवीं सदी से बीसवीं सदी और बीसवीं सदी से चलकर इक्कीसवीं सदी की उठापटक और विकास के नाम पर बढ़ती यांत्रिकता के बीच ये पुरोधा अपनी लेखनी से किसप्रकार नया युग रच रहे हैं और उस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं जो आधुनिक हिंदी साहित्य के नवजागरण और पुनर्जागरण के अग्रदूत बना गए, यह जानना –समझना और आत्मसात करना मेरे लिए सरल न था।

About the Author

डॉ॰ आरती स्मित
dr.artismit@gmail.com / smitarti.wordpress.com
श्री गोराचंद कोले, डी 136, गली न. 5,
गणेशनगर पांडवनगर कॉम्प्लेक्स, दिल्ली।

Book Details

Publisher: Virgin Sahityapeeth
Number of Pages: 197
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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