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परिवर्तन सृष्टि का अकाट्य नियम है। जैसे-धरती के वातावरण में परिवर्तन, भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन, मौसम में परिवर्तन, समाज, शिक्षा व्यवस्था जीवन मूल्यों में परिवर्तन, स्वभाव में परिवर्तन इत्यादि। इन्हीं परिवर्तनों को देखकर हृदय में जो भाव आए वही पंक्तिबद्ध होकर पुस्तक रूप में निबद्ध हैं।
अपने भावों को आपके समक्ष आपके आशीर्वाद हेतु प्रेषित किया है। कृपया आशीष देकर अनुगृहीत करें।
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