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जय बोलो घरवाली की (व्यंग्य संग्रह)

डॉ. चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’
Type: Print Book
Genre: Comics & Graphic Novels
Language: Hindi
Price: ₹309 + shipping
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Description

“जय बोलो घरवाली की” डॉ. चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ द्वारा रचित एक व्यंग्य संग्रह है, जो घरेलू जीवन, पति-पत्नी के रिश्तों, समाज की विसंगतियों और आम इंसान की मानसिकताओं पर हल्के-फुल्के अंदाज़ में गहरी चोट करता है।
यह पुस्तक केवल हँसाती ही नहीं, बल्कि सोचने पर भी विवश करती है। इसमें घरेलू नोक-झोंक, पति-पत्नी के मीठे झगड़े, समाज की कटु सच्चाइयाँ और जीवन के हास्यास्पद पहलुओं को बड़ी सहजता और चुटीलेपन से प्रस्तुत किया गया है।
लेखक ने हरियाणवी बोलचाल की मिठास और हिन्दी की कोमलता को जोड़कर ऐसा अनूठा व्यंग्य संसार रचा है, जिसमें पाठक हँसते-हँसते खुद को और अपने समाज को पहचानने लगते हैं।
“जय बोलो घरवाली की” केवल हास्य नहीं — यह जीवन का एक दर्शन है, जो बताता है कि मुस्कुराते हुए सच्चाई कहना ही व्यंग्य का सबसे सुंदर रूप है।

About the Author

डॉ. चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ हरियाणा के रोहतक ज़िले के ग्राम ब्राह्मणवास के निवासी हैं। आपका जन्म 22 अप्रैल 1973 को हुआ। आपने अपने पिता श्री दत्त शर्मा और माता श्रीमती पतासो देवी से संस्कारों की अमूल्य निधि पाई।
आप हिन्दी के प्रख्यात प्राध्यापक, कवि, व्यंग्यकार, साहित्यकार, संपादक एवं समाजसेवी हैं। आपने एम.फिल., पी.एच.डी. (हिन्दी) और बी.एड. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं तथा “विद्या वाचस्पति” की उपाधि से अलंकृत हैं।
आपने अब तक 50 से अधिक पुस्तकों की रचना, 20 पुस्तकों का प्रकाशन और 45 संकलनों का संपादन किया है। इसके अलावा 10 से अधिक पुस्तकों की भूमिका लेखन भी किया है।
आपको 360 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें समवेत्य भूषण, समवेत्य सम्राट, Divine World Record, और Vicky World Record जैसे पुरस्कार प्रमुख हैं।
आप शैली साहित्यिक मंच के अध्यक्ष हैं और हिन्दी व हरियाणवी दोनों भाषाओं में समान अधिकार से लेखन करते हैं।
आपकी लेखनी का उद्देश्य है— “साहित्य के माध्यम से समाज में अपनापन, गर्माहट और सृजनात्मकता लाना।”

Book Details

ISBN: 9788199407541
Publisher: Sjain Publication
Number of Pages: 77
Dimensions: 5.50"x8.50"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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