Description
‘Deep Shikha’ is the 8 th story book compiled by the Renowned Litterateur Dr. Tara Singh, out of 40 books published by her in
different categories of Hindi Literature. She deals with social and family problems arising out of various social evils, customs, traditions
and superstitions with due courage and responsibility. sometimes she boldly cautions readers about the outcome of such malpractices
prevalent in our societies through her writings. Inhuman behaviors of a step mother towards a girl child in ‘Usne piya hai jahar’, killings of
brides for dowry in ‘Ghar Se Shmashan’, westernized ‘CHHOTI BAHU’, lesson of spirituality in “Dadi Ka Swarg’, ’Mujhe dua Chahiye’ and not
your tips, ’Korona Aai Hai’, etc. have been dealt with in detail by the Author. Dr. Singh’s stories illustrate problems and issues faced by all
sections of the society including the poor’s and have-nots. We pray for her long and healthy life so that she goes on contributing to the
cause of Society as well as Hindi Literature.
कथाकार, डॉ. तारा सिंह , साहित्य जगत की एक ऐसी जगमगाती रोशनी है, जिसमें केवल साहित्य प्रेमियों का ही नहीं, पूरी मानव जाति के जीवन का दर्शन प्राप्त होता है | इनकी सशक्त लेखनी के माध्यम से, सामाजिक कुरीतियों , रुढ़िवादियों एवं शोषणकर्त्ताओं पर कुठाराघात करके, पाठकों को इससे बचे रहने के लिए खबरदार भी करती हैं | अब तक इनकी आठ कहानी-संग्रहहमारे समक्ष हैं | प्रत्येक कहानी-संग्रह हमें, हमारे समाज को एक नई दिशा, एक नई राह देती है | कहानी “पीया है जहर’’ में बेमिसाल लेखनी के
माध्यम से, एक बेबस मातृहीन बच्ची “ऋचा” को उसकी सौतेली माँ की, निष्ठुरता के क़दमों तले कुचलता देख, पाठक बरबस मन-दर्द से कराह उठता है | तो दूसरी तरफ ‘घर से श्मशान तक’ शीर्षक कहानी में दहेज़ की कुप्रथा, किस निर्दयता से एक फूल सी बच्ची की जान ले लेती है, पढ़कर भावुकता भर उठती है, आँखें बरस पड़ती हैं | ‘छोटी बहू’ उदाहरण है, आज के युवावर्ग पर पश्चिमी सभ्यता किस प्रकार हावी है, शरीर में बह रहा खून लगता पानी बह रहा है | ‘स्वर्ग सुख’, आदि इस संग्रह में समाहित सभी कहानियों के पात्र व घटनाएँ, पढने के बाद, आँखों के आगे किसी चलचित्र की भाँति सजीव हो उठती हैं |
इस तरह कथाकार, तारा सिंह की रचनाओं में, आम भारतीय जीवन के स्पष्ट दर्शन होते हैं | इनकी रचनाएँ किसी वर्ग विशेष का न होकर, सभी दर्जे के दुःख-दर्द,बेबसी और गरीबी को लेकर लिखा गया है | डॉ. तारा, समाज से डरे बिना, समाज की कुरीतियों , अंधविश्वासों पर खुलकर लिखी हैं | महान साहित्यकार, एवं रचनाकार डॉ. तारा सिंह के उत्कृष्ट साहित्य को, आपके समक्ष लाने का मेरा एक ही मकसद है,आप इसे पढ़ें | आपको अवश्य पसंद आयेगा, ऐसा मेरा विश्वास है |
ISBN: 9788195054312
Publisher: Swargvibha Publishing House
Number of Pages: 125
Dimensions: 6"x9"
Interior Pages: B&W
Binding:
Paperback (Perfect Binding)
Availability:
In Stock (Print on Demand)