Description
स्वर्गविभा, मुम्बई द्वारा प्रकाशित ऐसी एकमात्र त्रैमासिक पत्रिका है, जिसके प्रकाशन का मुख्य उद्देश्य देश-विदेश में बसे हिंदी प्रेमियों की साहित्य प्रतिभा को सुअवसर प्रदान करना है| परन्तु इसके साथ-साथ इस पत्रिका में नवोदित साहित्यकारों की कवितायें, कहानियाँ, ग़ज़लें, एकांकी, लेख आदि भी प्रकाशित की जाती हैं|
हमेशा की तरह स्वर्गविभा पत्रिका का यह अंक भी समस्त विश्व को, विभिन्न देशों के हिंदी पाठकों, अनुसन्धान-कर्त्ताओं एवं विद्वानों के विविध शोध-पत्रों एवं आलेखों से अवगत कराने का मार्ग प्रशस्त करेगी| अनेक लेखकों एवं चिंतकों की रचनाओं को एकत्रित करना, और उन्हें अंतिम रूप देकर पत्रिका में सम्मिलित करना, परम्परागत रूप से महत्वपूर्ण कार्य रहा है|
डॉ. तारा सिंह, जाने-माने हिंदी साहित्यकार, एक बहुमुखी लेखक, कवि, लघु कथाकार, उपन्यासकार, गजलकार, फिल्मी गीतकार और निबंध रचनाकार के रूप में प्रसिद्ध हैं| अब तक उनकी 50 पुस्तकें प्रकाशित होकर विश्व-व्यापी ख्याति अर्जित कर चुकी हैं| सामाजिक और पारिवारिक मुद्दों, व्यक्तिगत और सामाजिक विषयों, जीवन के दर्शन और वास्तविकता, जन्म और मृत्यु चक्र, आदि से सम्बंधित इन्होंने अपनी भावनात्मक और विचारशील रचनाओं के लिए व्यापक प्रशंसा प्राप्त की है|
इनकी रचनाएँ हमेशा वास्तविक तथ्यों और व्यक्तियों / परिवार के सदस्यों / दोस्तों के बीच संबंधों के मूल पहलुओं से संबंधित होता है| इस प्रकार, वे न केवल सुखद प्रेम का चित्रण करती है, बल्कि निराशा, विश्वासघात और अव्यवस्था जैसे विषयों पर भी लिखती रही हैं|
ये वर्तमान में www.swargvibha.com (एक प्रमुख हिंदी वेबसाइट) और स्वर्गविभा हिंदी त्रैमासिक पत्रिका के प्रधान संपादक और प्रशासक के रूप में काम कर रही हैं|
इन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा 257 पुरस्कार / सम्मान / मानदोपाधि / ट्राफी से सम्मानित किया जा चुका है| इनकी रचनाएँ / पुस्तकें अब www.swargvibha.com और www.kukufm.com (ऑडियोबुक के रूप में), Google पुस्तकें, www.amazon.in, www.flipkart.com, इंस्टा पब्लिश, सुमन प्रकाशन, www.pothi.com, सेंट्रल एन्ड स्टेट लाइब्रेरीज़ इन इंडिया और दुनिया भर के 30 अन्य वेबसाइटों पर, दुनिया भर में उपलब्ध हैं| इनकी जीवनी बार्न्स एंड नोबल (यूएसए 2011) द्वारा और रिफासिमेंटो इंटरनेशनल द्वारा “हूज़ हू” 9 बार (2006-2019) और विकिपीडिया में प्रकाशित की गई हैं| इनकी रचनाएँ हमेशा गंभीर विचारों, विषयों, घटनाओं की गति और जीवन के दर्शन से भरी होती हैं|
ISBN: 9788195609581
Publisher: Swargvibha Publishing House
Number of Pages: 37
Dimensions: 6.00"x9.00"
Interior Pages: Full Color
Binding:
Paperback (Saddle Stitched)
Availability:
In Stock (Print on Demand)