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कविताएँ जीवन के, आस्था के, प्रेम के, अनवरत संघर्ष और शांति के गीत गाती है। उनमें बर्फीले तूफ़ान को बहाकर ले जाने की क्षमता है तो गहरे सागर में डुबोने का माद्दा भी। मेरे लिए कविताएँ सिर्फ कविताएँ नहीं वरन जीवन का गीत है जिनकी मौन गुनगुनाहट में एक शोर है, जीवन की लय है और हृदय का स्पंदन भी। ये कविताएँ इस बात की बानगी हैं कि इन्हें हथियार बनाकर हिंसक समय से लड़ा जा सकता है और निरंकुश होती सत्ता पर सवाल भी उठाया जा सकता है। अपने दारुण समय को लेकर मन में उठते टीस को बड़ी सटीकता से अभिव्यक्त करती ये कविताएँ कहीं-कहीं वाजिब प्रश्न पूछती नजर आती हैं। एक कलमकार की हैसियत से निश्चित रूप से कह सकती हूँ कि अपनी लेखन यात्रा में मैं कई बार भटकी लेकिन लक्ष्य का विजय अंकुरण हर बार मुझे खींचकर कथ्य के समीप ले आया। ऩिःसंदेह अपरिपक्व कलम की कुछ आड़ी-तिरछी रेखाएँ आपको इस यात्रा स्लेट पर उभरी दिख जाएँ परन्तु बेबाक कलम की स्याही से कोरे कागज को रंगने की कोशिश की सराहना आप कर सकते हैं। अंतर्मन की अनुगूँज से साक्षात्कार कर आपका मन निश्चित ही आह्लादित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है।
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