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झारखंड की प्रमुख जनजातियां - एक विस्तृत अध्ययन, मात्र एक पुस्तक नहीं, बल्कि उन समुदायों के प्रति हमारी गहरी श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है जिन्होंने सदियों से झारखंड की भूमि पर अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखा है। यह अध्ययन संथाल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया, और अन्य जनजातियों के समृद्ध इतिहास, जटिल सामाजिक संगठन, विविध आर्थिक गतिविधियों, विशिष्ट कला और संस्कृति, और गहन धार्मिक मान्यताओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। इसमें इन जनजातियों की उत्पत्ति, विकास और वर्तमान स्थिति पर भी प्रकाश डाला गया है, उनकी जीवनशैली में आए बदलावों और आधुनिकता के साथ उनके संघर्षों को भी चित्रित किया गया है।
यह केवल तथ्यों का संकलन नहीं है, बल्कि हम इन समुदायों के जीवनदर्शन, मूल्यों और चुनौतियों को समझने का एक प्रयास कर रहे हैं। हमने उनके आंतरिक दृष्टिकोण को समझने के लिए गहन साक्षात्कार, क्षेत्र अनुसंधान और ऐतिहासिक अभिलेखों का अध्ययन किया है। यह परियोजना उनकी लोककथाओं, गीतों, नृत्यों, कलाकृतियों और पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने और बढ़ावा देने का एक विनम्र प्रयास है। हमने इन अमूल्य विरासतों को दस्तावेजीकरण करने और डिजिटल रूप से संरक्षित करने का प्रयास किया है, ताकि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रहें। इसके माध्यम से, हम यह आशा करते हैं कि हम झारखंड की जनजातियों के प्रति अधिक जागरूकता और समझ पैदा कर सकते हैं, और उन्हें अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने और प्रगति करने में मदद कर सकते हैं। हम उनकी समस्याओं को उजागर करते हैं, उनकी आकांक्षाओं को आवाज देते हैं, और उनके विकास के लिए संभावित मार्गों का सुझाव देते हैं।
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