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हिन्दी उपन्यास: परंपरा से परिवर्तन तक

डॉ. राम आशीष तिवारी
Type: Print Book
Genre: Literature & Fiction
Language: Hindi
Price: ₹599 + shipping
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Description

हिंदी साहित्य की विविध विधाओं में उपन्यास का अपना एक विशिष्ट स्थान है। यह विधा न केवल साहित्यिक चेतना का प्रतिबिंब है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक यथार्थ को अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम भी रही है।
हिंदी उपन्यास का विकास-क्रम एक दीर्घ यात्रा का परिणाम है, जो परंपरा से होते हुए निरंतर परिवर्तन की दिशा में अग्रसर रहा है। इस परिवर्तनशील प्रवाह में विभिन्न विचारधाराएँ, लेखन शैलियाँ, सामाजिक अनुभव और वैचारिक दृष्टिकोण सम्मिलित होते हैं, जो हिंदी उपन्यास को व्यापक और बहु-आयामी बनाते हैं।
इसी ऐतिहासिक और वैचारिक यात्रा को केंद्र में रखते हुए प्रस्तुत संपादित पुस्तक "हिंदी उपन्यास: परंपरा से परिवर्तन तक" का संयोजन किया गया है। इस पुस्तक में समाविष्ट आलेखों का उद्देश्य हिंदी उपन्यास की ऐतिहासिक यात्रा को समझना, उसकी प्रवृत्तियों का विश्लेषण करना तथा आधुनिक परिप्रेक्ष्य में उसके रूपांतरण को रेखांकित करना है।
उपन्यास के आरंभिक स्वरूप से लेकर समकालीन उपन्यास तक की प्रक्रिया को विभिन्न आयामों से देखने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।

चयन के मापदंड:
पुस्तक में सम्मिलित प्रत्येक आलेख का चयन विशेष विचार-विमर्श एवं निम्नलिखित मापदंडों के आधार पर किया गया है:
1. विषय की प्रासंगिकता: प्रत्येक आलेख हिंदी उपन्यास के विकास, प्रवृत्तियों, विमर्शों एवं विशेष लेखकों के योगदान के विश्लेषण पर आधारित है। विषय का समसामयिक महत्व तथा शोध की दृष्टि से उसकी उपयोगिता प्रमुख रही है।
2. नवीनता एवं मौलिकता: आलेखों में मौलिकता का विशेष ध्यान रखा गया है। प्रत्येक लेखक से अपेक्षा की गई कि वे अपने लेखन में मौलिक तर्क, संदर्भ और विश्लेषण प्रस्तुत करें।
3. शोधपरक दृष्टिकोण: आलेखों में तथ्यपरकता, साहित्यिक शोध-पद्धति एवं साक्ष्य आधारित तर्क-वितर्क को प्राथमिकता दी गई है। इसके अतिरिक्त संदर्भ सूची (References) की प्रमाणिकता एवं व्यवस्थित प्रस्तुति भी चयन का आधार बनी।
4. भाषिक एवं शैलीगत गुणवत्ता: आलेखों की भाषा स्पष्ट, शुद्ध, प्रवाहमयी और अकादमिक मर्यादा के अनुरूप हो, यह देखा गया है। शैली में कथ्य की गहनता और सौंदर्यबोध की उपस्थिति को भी ध्यान में रखा गया।
5. समावेशिता एवं विविधता: पुस्तक में विभिन्न विश्व-विद्यालयों, संस्थानों एवं स्वतंत्र शोधार्थियों से आलेख प्राप्त हुए हैं। इसमें स्थापित विद्वानों के साथ-साथ नवोदित शोधकर्ताओं को भी सम्मिलित किया गया है ताकि वैचारिक विविधता और संतुलन बना रहे।
शोध एवं विमर्श की दिशा:
यह पुस्तक हिंदी उपन्यास पर शोध करने वाले छात्रों, अध्यापकों, शोधकर्ताओं और साहित्य-प्रेमियों के लिए एक उपयोगी संदर्भ सिद्ध हो सकती है। इसमें न केवल परंपरागत उपन्यासकारों की पुनर्व्याख्या की गई है, बल्कि समकालीन लेखन के नए संदर्भों को भी गंभीरता से विश्लेषित किया गया है। समकालीन उपन्यासों में बदलती सामाजिक संरचनाओं, भूमंडलीकरण, तकनीकी हस्तक्षेप, लैंगिक अस्मिता, असंतुलन, अंतर्विरोध, और अस्तित्व की खोज जैसे प्रश्नों को विविध लेखों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
पुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि उपन्यास के विकास और उसके परिवर्तनों को एक निरंतर बहस और संवाद की प्रक्रिया के रूप में देखा जाए। यही संवाद हिंदी साहित्य को जीवंत बनाता है और समयानुकूल उसे दिशा प्रदान करता है।
प्रकाशक एवं संपादक की भूमिका:
प्रकाशक और संपादक ने पूर्ण सावधानी रखते हुए इस पुस्तक के संपादन में न केवल विषयगत संगति एवं गुणवत्ता का ध्यान रखा है, बल्कि प्लैगरिज़्म (Plagiarism) से पुस्तक को सुरक्षित रखने का भी हरसंभव प्रयास किया है। सभी लेखकों से यह अपेक्षा की गई कि वे अपने लेखन में मौलिक दृष्टिकोण रखें और यदि कहीं से संदर्भ लें, तो उसका यथोचित उल्लेख करें।
पुस्तक में व्यक्त विचार लेखकों के निजी विचार हैं। यह आवश्यक नहीं कि प्रकाशक एवं संपादक उन विचारों से पूर्णतः सहमत हों। किसी भी प्रकार के मतभेद या वैचारिक असहमति की स्थिति में लेखक स्वयं उत्तरदायी होंगे।
समापन टिप्पणी:
हिंदी उपन्यास: परंपरा से परिवर्तन तक पुस्तक हिंदी साहित्य में उपन्यास विधा के बहुस्तरीय विकास और उसकी विविध प्रवृत्तियों की पड़ताल करने का एक विनम्र प्रयास है। यह पुस्तक किसी निष्कर्ष तक पहुँचने की बजाय एक विमर्श को जन्म देती है और शोध के लिए नए प्रश्न प्रस्तुत करती है।
हमें विश्वास है कि यह प्रयास हिंदी साहित्य के अध्येताओं को नई दृष्टि प्रदान करेगा और हिंदी उपन्यास की बौद्धिक, रचनात्मक और सामाजिक सरोकारों से भरी हुई यात्रा को समझने में सहायक सिद्ध होगा।
– संपादक
डॉ. राम आशीष तिवारी

About the Author

डॉ. राम आशीष तिवारी, शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अंबिकापुर, छत्तीसगढ में हिन्दी विषय के सहायक प्राध्यापक के रूप कार्यरत हैं | इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पूरा किया है| इनके कई शोध-लेख राष्ट्रीय एवं अंतर-राष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित है| डॉ. राम आशीष तिवारी द्वारा कई पुस्तकों एवं संपादकीय लेखों का प्रकाशन किया गया है। इसके अलावा लेखक को कई महवपूर्ण प्रशासकीय/अकादमिक कार्यों को सम्पन्न करने का श्रेय जाता है|
स्थायी पता – महरछा जंघई प्रयागराज उ.प्र. 212401

Book Details

ISBN: 9788198875457
Publisher: Sjain Publication
Number of Pages: 155
Dimensions: 5.83"x8.27"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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