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हाल ही में एक आंकड़ा सामने आया है कि भारत में लगभग 1.8 करोड़ लोग ऑटिज्म से प्रभावित हैं, जो एक बहुत बड़ी संख्या है। भले ही अमेरिका में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार का प्रचलन ३६ में एक हो, लेकिन ये समस्या भारत में भी गंभीर रूप से मौजूद है। ऑटिज्म से प्रभावित बच्चों की देखभाल करने वाले माता-पिता और डॉक्टरों के लिए कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे आयरन और विटामिन डी की कमी, कब्ज, शरीर में सीसे की अधिक मात्रा और कम शारीरिक गतिविधि का सही निदान और उपचार करना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, योग, प्राणायाम, सही पोषण और अन्य पारंपरिक तरीकों का अभ्यास भारत की प्राचीन विरासत का हिस्सा है, जो ऑटिज्म से प्रभावित परिवारों के लिए कहीं और की तुलना में यहाँ अधिक व्यावहारिक और उपयोगी हो सकता है। ३६ में एक, ऑटिज्म के प्रति एक पूर्णतः विस्तृत दृष्टिकोण, ऑटिज्म से जुड़ी इन सभी जरूरी जानकारियों को विस्तार से इस पुस्तक में प्रस्तुत करता है।
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