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"प्रवासी साहित्य अस्मिता का द्वंद्व" by डॉ सिंधु सुमन:
"प्रवासी साहित्य अस्मिता का द्वंद्व" एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति है जो प्रवासी साहित्य के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और मानसिक पहलुओं पर गहरे विचार करती है। डॉ. सिंधु सुमन ने इस पुस्तक में प्रवासी लेखकों की पहचान, उनके संघर्ष और उनकी अस्मिता के द्वंद्व को चित्रित किया है। यह पुस्तक प्रवासी साहित्य के उस अज्ञात पक्ष को उजागर करती है, जिसे अक्सर अनदेखा किया जाता है।
लेखिका ने प्रवासी लेखकों की संवेदनाओं, उनके परिवार और समाज के प्रति कर्तव्यों, और उनके मानसिक संघर्षों को विस्तार से समझाया है। भारतीय समाज में प्रवासी अनुभव की विशिष्टता को समझने के लिए यह पुस्तक एक जरूरी संदर्भ बनती है, जो न केवल प्रवासी लेखकों के दृष्टिकोण को सामने लाती है, बल्कि भारतीय साहित्य के वैश्विक संदर्भ में उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डालती है।
यह पुस्तक उन सभी पाठकों के लिए है जो साहित्य के...
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