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प्रवास और स्त्री विमर्श: बदलते परिदृश्य

डॉ सीमा सैनी
Type: Print Book
Genre: Literature & Fiction, Reference
Language: Hindi
Price: ₹309 + shipping
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Description

भूमिका
प्रवास और स्त्री विमर्श का संबंध इतिहास के उन पहलुओं से जुड़ा है जो समाज में शक्ति संरचनाओं, सांस्कृतिक पहचान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को परिभाषित करते हैं। यह पुस्तक ऐसे समय में प्रकाशित हो रही है जब प्रवास और स्त्री विमर्श के मुद्दे अत्यंत प्रासंगिक हो गए हैं। प्रवास के कारण न केवल भौगोलिक सीमाएँ बदलती हैं, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक संरचनाओं को भी चुनौती देता है।
स्त्रियों के संदर्भ में, प्रवास का प्रभाव बहुआयामी होता है। एक ओर यह उन्हें आत्मनिर्भर बनने और नई पहचान स्थापित करने का अवसर देता है, वहीं दूसरी ओर यह उनके जीवन में नए संघर्षों और असमानताओं को जन्म देता है। इस पुस्तक की भूमिका इन दोनों पहलुओं पर गहराई से विचार करते हुए यह समझने का प्रयास करती है कि कैसे स्त्रियाँ प्रवास के अनुभवों से गुजरते हुए अपने लिए नए अवसर और स्वतंत्रता का निर्माण करती हैं।
यह पुस्तक समाजशास्त्रीय, सांस्कृतिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से उन प्रश्नों का उत्तर तलाशने का प्रयास करती है जो प्रवास और स्त्री विमर्श को जोड़ते हैं। यह इस बात पर प्रकाश डालती है कि किस प्रकार प्रवासी स्त्रियों के अनुभव केवल उनके व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे व्यापक समाज पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं।
भूमिका के रूप में यह खंड उन विचारों और धारणाओं को प्रस्तुत करता है जो इस पुस्तक के हर अध्याय की नींव हैं। यह प्रवास और स्त्री विमर्श के बदलते स्वरूप को समझने के लिए एक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है और इस विषय में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए एक आधारशिला स्थापित करता है।
संपादिका

About the Author

संपादिका परिचय
मेरा नाम डॉ. सीमा सैनी है। मैंने कला संकाय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और स्नातकोत्तर स्तर पर इतिहास एवं हिंदी साहित्य में एम.ए. किया है। इसके अतिरिक्त, मैंने वनस्थली विद्यापीठ से हिंदी विषय में एमफिल की उपाधि प्राप्त की। एमफिल में मेरा शोध प्रबंध "मन्नू भंडारी कृत 'एक कहानी यह भी': संवेदना एवं शिल्प" पर आधारित था। यह शोध प्रबंध प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी की आत्मकथा पर केंद्रित था।
मैंने राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। पीएचडी में मेरे शोध प्रबंध का विषय "उत्तर आधुनिकता के परिप्रेक्ष्य में 21वीं सदी की हिंदी कहानियों का विश्लेषणात्मक अध्ययन" था। शोध के दौरान मैंने कहानियों के माध्यम से समाज में फैली कई समस्याओं का गहन अध्ययन किया।
मैंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिकाओं में अपने शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और कई संगोष्ठियों में शोध पत्रों का वाचन भी किया है। वर्तमान में, मैं लेखन कार्य से निरंतर रूप से जुड़ी हुई हूं।
ईमेल: seemasaini5670@gmail.com

Book Details

ISBN: 9788198522474
Publisher: Sjain Publication
Number of Pages: 116
Dimensions: 5.50"x8.50"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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