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कुछ कविताएं गीत ग़ज़ल और कहानियां जो सीधे दिल तक जाए,एक बड़े शायर का शेर है कि" मेरी सब बातें हैं बातें तुम्हारी, मेरा अपना कोई किस्सा ही नहीं "तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए बस यही कहना है कि इस किताब में जो भी रचनाएं हैं वह हम सब के जीवन से जुड़ी हुई है . जॉर्ज बर्नार्ड शॉ,फ्रैंज काफ्का,लेव तोलस्तोय, दोस्तोंयेवेस्की, बर्तोल्त ब्रेख्त को पढ़कर और भारतीय साहित्य में छायावाद के चार स्तंभ पंत, निराला, महादेवी और प्रसाद को पढ़कर भी पता लगा कि कई बार युद्ध में जब बड़ी से बड़ी सर्जरी फेल हो जाती है तो जमीन में पड़ी हुई गीली मिट्टी काम में आती है।मेरी अपनी साहित्यिक समझ से परे मैंने अपनी भावनाओं को सीधे, सरल, सटीक शब्दों में पेश करने की कोशिश की है, जो भी भाव मेरे दिमाग में आए, मेरे दिल में आए मैंने उन्हें सरल शब्दों में पिरोया है,मेरी कोशिश बस इतनी रही है कि मैं भाषा और व्याकरण के घेरे में आकर विचारों को ना मारू, इसलिए इस किताब का नाम भी दिया है मैंने अंकुरित शब्द .
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