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(2 Reviews)

उस पार सरहद

एक रहस्यमयी ग्रामीण कथा
दि रैशनलिस्ट, मौन पथिक
Type: Print Book
Genre: Literature & Fiction, Mystery & Crime
Language: Hindi
Price: ₹299 + shipping
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Description

उस पार सरहद

सरहदें सिर्फ नक्शों पर बनी लकीरें नहीं होतीं, वे इंसानों के दिलों पर भी खिंच जाती हैं। यह कहानी उन जज़्बातों की है जो किसी भी दीवार या सीमा से बड़े हैं।

यह उपन्यास आपको ले जाएगा दो गाँवों और दो दुनियाओं के बीच, जहाँ हास्य और व्यंग्य के बीच छुपी है गहरी त्रासदी, और जहाँ रिश्ते, नफ़रत, मोहब्बत और रहस्य एक-दूसरे से उलझते हैं।

"उस पार सरहद" केवल एक कहानी नहीं, बल्कि एक आईना है—जिसमें दिखती है हमारी सामाजिक सच्चाई, मानवीय कमज़ोरियाँ और वह जिजीविषा जो हर मुश्किल के पार जाकर नई राह बनाती है।

इसमें है गाँव की लोक-गंध और माटी की खुशबू

इसमें है हास्य, रहस्य और टकराव

और सबसे बढ़कर, इसमें है मनुष्य के दिल की गहराई से निकली भावनाएँ

यह किताब उन सभी पाठकों के लिए है जो साहित्य में हास्य और व्यंग्य के साथ गहराई तलाशते हैं, और जो जानना चाहते हैं कि इंसानियत हर सरहद से बड़ी होती है।

क्या आप तैयार हैं उस पार जाने के लिए…?

About the Authors

लेखक, लेखन-जगत में "दि रैशनलिस्ट, मौन पथिक" के नाम से पहचाने जाते हैं।
गाँव की गलियों, लोक-जीवन और मानवीय संबंधों की जटिलताओं को अपनी कहानियों में पिरोने की कला उन्हें अलग बनाती है।

वे साहित्य को सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का आईना मानते हैं।
उनके लेखन में आपको मिलेगा —

गाँव की ठेठ भाषा और लोक हास्य,

जीवन की गहराई से उठाए गए सवाल,

और एक ऐसा यथार्थ जो कभी मुस्कान देगा, कभी सोचने पर मजबूर करेगा।

"उस पार सरहद" उनकी ऐसी ही एक कोशिश है — जहाँ हास्य और रहस्य के बीच इंसानी जज़्बातों की गहरी परतें खुलती हैं।

Book Details

ISBN: 9789334404838
Publisher: दि रैशनलिस्ट, मौन पथिक
Number of Pages: 143
Dimensions: A5
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

उस पार सरहद

उस पार सरहद

(3.50 out of 5)

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2 Customer Reviews

Showing 2 out of 2
Mahesh_23 1 month, 3 weeks ago

Mahesh

Mast book hai, ek bar jarur padhana chahiye...mai to Labaya ka chehra nahi bhool pa rha hu...maza aaya..

Dk_1T 2 months, 3 weeks ago

चंदन

मैने ये किताब पढ़ी है , मस्त किताब है भाई।।।एक बार जरूर पढ़ें भूलेंगे नहीं । अगर अपने कश्प पढ़ी तो फिर तो मजा ही आ जाएगा। I will just must read book at least once .... I can't forget the main character.. लबाया

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