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राधे राधे
जब मैं ये शब्द लिखने बैठा हूँ, तो मेरा हृदय विनम्रता और भक्ति से भर गया है। यह पुस्तक, "राधे-राधे - प्रेम और समर्पण की यात्रा" , सिर्फ़ स्याही और कागज़ की रचना नहीं है—यह जीवन की इस विशाल यात्रा में अर्थ, प्रेम और समर्पण की मेरी अपनी खोज का प्रतिबिंब है।
इन पृष्ठों के पीछे की प्रेरणा प्रेमानंद जी महाराज की दिव्य उपस्थिति से आती है, जिनका जीवन और शिक्षाएँ हमें याद दिलाती हैं कि सच्चा धन संपत्ति में नहीं, बल्कि ईश्वर के प्रति प्रेम में निहित है। उनके शब्द अक्सर मुझे दुनिया के शोरगुल में मार्गदर्शन करते हुए एक कोमल फुसफुसाहट की तरह महसूस होते हैं, जो मुझे समर्पण करने, गहराई से प्रेम करने और पूर्ण विश्वास करने की याद दिलाते हैं।
मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि यह कोई जीवनी नहीं है, न ही उनके पवित्र जीवन को तथ्यात्मक रूप से दर्शाने का कोई प्रयास है। बल्कि, यह मेरी विनम्र पेशकश है: भक्ति, कल्पना और हार्दिक श्रद्धा से बुनी गई एक काल्पनिक यात्रा। मेरी आशा है कि ये कहानियाँ आपके भीतर भी, जैसे मुझमें जगाई हैं, एक चिंगारी जगाएँगी, ताकि आप अपने भीतर झाँक सकें और उस असीम प्रेम को खोज सकें जो हम सभी में समाया है।
यदि ये शब्द किसी एक हृदय को भी छू लें, तथा उसे समर्पण और शांति के करीब ले जाएं, तो मैं इस प्रयास को सचमुच धन्य मानूंगा।
हाथ जोड़कर और कृतज्ञतापूर्वक,
पीटर पार्कर
राधे राधे
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