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गीता महाभारत के भीष्म पर्व का एक अंश है जिसमें कौरवों के विरूद्ध युद्धभूमि में किंकर्तव्यविमूढ़ एवं शोकाकुल अर्जुन को श्रीकृष्ण द्वारा 700 श्लोंकों में ज्ञान, कर्म एवं भक्ति का उपदेश दिया गया है। इस प्रकार गीता भारत के तीन प्रमुख दर्शनों- योग दर्शन, वेदान्त दर्शन एवं सांख्य दर्शन को सारभूत करते हुए अध्यात्म को सर्वोत्तम एवं सरलतम ढ़ंग से समझाने में सफल रही है।
गीता को उपनिषदों का सार कहा जाता है। इस पुस्तक में उपनिषदों पर आधारित सम्पूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता का सरल, गहन एवं विशद भाष्य प्रस्तुत किया गया है। उपनिषदों को समझना एक सामान्य व्यक्ति के लिए सरल नहीं होता है। जहां एक ओर उपनिषद विशाल, क्लिष्ट एवं दुर्बोधगम्य हैं, वहीं दूसरी ओर गीता संक्षिप्त, सारभूत, सरल एवं सुबोध है किन्तु गीता एवं उपनिषदों के संदर्भों को एक-दूसरे से जोड़े बिना उनके गूढ़ तत्वों को नहीं समझा जा सकता, इसलिए इस पुस्तक में गीता के श्लोकों के गूढ़ तत्वों को समझाने के लिए उपनिषदादि विभिन्न ग्रन्थों के प्रासंगिक संदर्भ दिए गए हैं।
क्या जगत् वास्तविक है अथवा स्वप्न मात्र? क्या हम 'ब्रह्म' हैं या शरीर मात्र? 'परम सत्य ' क्या है? क्या ईश्वर की सत्ता है? दु:खों से कैसे छूटा जाए? वास्तविक सुख क्या है? सर्वोत्तम प्रकार से जीवन कैसे जिया जाए? आदि विभिन्न महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर इस पुस्तक में उपलब्ध है। इस बोध से व्यक्ति का संसार को देखने का दृष्टिकोण बदल जाता है जिससे उसके मन के भीतर एक गहरी शान्ति का उदय होता है।
गीता उस प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयोगी है जिसका मन अशांति, भय और उलझन में है। जो शांति और ज्ञान का पिपासु है, गीता उसके लिए है। जो अपने जीवन में कर्तव्य और अकर्तव्य के संबंध में उलझन में है, गीता उसके लिए है। जिसे 'परम सत्य' की जिज्ञासा है, गीता उसके लिए है। जो अपने वास्तविक स्वरूप को जानना चाहता है, गीता उसके लिए है। जो अपने दु:खों से मुक्ति चाहता है, गीता उसके लिए है। जो अपने मन को जानना चाहता है, गीता उसके लिए है। जो संसार की यथार्थता को जानना चाहता है, गीता उसके लिए है।
गीता का फल है शाश्वत शांति। गीता का फल है भ्रमों और दु:खों से मुक्ति। गीता का फल है झूठ की परतों का निवारण। गीता कर्म-कौशल्य की प्रशिक्षिका है। गीता जीवन जीने की कला है।
आशा है कि आप सुधी पाठकजन इस पुस्तक को समझकर इससे लाभ उठा पायेंगे।
इस पुस्तक की विषयवस्तु पर लेखक द्वारा की गयी संक्षिप्त चर्चा इस यूट्यूब लिंक पर उपलब्ध है-
https://youtu.be/prElbR7JNcM?si=AWqWTku50mIMvbrl
यह पुस्तक हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में e-book, paperback एवं hardcover फॉर्मेट में भी उपलब्ध है जिनके लिंक नीचे दिए गए हैं-
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