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शरीरविज्ञान दर्शन

पिंडे तत् ब्रह्माण्डे
प्रेमयोगी वज्र
Type: Print Book
Genre: Medicine & Science, Philosophy
Language: Hindi
Price: ₹300 + shipping
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Description

एक ऐसी दुनिया में प्रवेश करें, जहां प्राचीन पौराणिक कथाएं और आधुनिक विज्ञान "शरीरविज्ञान दर्शन: यत् पिंडे तत् ब्रह्मांडे" के रूप में गुंथे हुए हैं। यह पुस्तक कामसूत्र और कौटिल्य अर्थशास्त्र की शास्त्रीय पांडुलिपियों की तरह भी दिखती है। यह अभूतपूर्व और अकल्पनीय कृति आध्यात्मिकता और शरीर विज्ञान की गहराई में उतरती है, और भौतिक आयाम और आध्यात्मिक आयाम के बीच के अंतर को पाटती है। पाठक इसकी मानव शरीर और ब्रह्मांड के अंतर्संबंध की मनोरम खोज के माध्यम से अवश्य ही आत्म-खोज और ज्ञानोदय की यात्रा पर निकलेंगे। प्राचीन मिथकों और समकालीन वैज्ञानिक ज्ञान को एक साथ जोड़कर, यह पुस्तक मानव शरीर पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जो पारंपरिक समझ से परे है। इसमें वर्णित "पौराणिक शरीर" शरीर-विज्ञान के पारंपरिक विचारों को चुनौती देता है, और पाठकों को एक नए युग के दर्शन को अपनाने के लिए आमंत्रित करता है, जो मन, शरीर और आत्मा को एकीकृत करता है। भौतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों के बीच जटिल संबंधों की गहरी समझ चाहने वालों के लिए, "शरीरविज्ञान दर्शन" एक विचारोत्तेजक और ज्ञानवर्धक अन्वेषण-मंच प्रदान करता है। समग्र स्वास्थ्य, वैकल्पिक चिकित्सा, पौराणिक कथाओं या आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह पुस्तक अवश्य पढ़ी जानी चाहिए। प्राचीन ज्ञान और आधुनिक अंतर्दृष्टि का एक आश्चर्यजनक मिश्रण, "शरीरविज्ञान दर्शन" वर्णित "पौराणिक शरीर" मानव-अस्तित्व के सार के रूप में एक रूपांतरणकारी यात्रा है। यह पुस्तक वाक्पटु गद्य और गहन रहस्योद्घाटन के साथ पाठकों की चेतना का विस्तार करने और शरीर और ब्रह्मांड में उसके स्थान के बारे में उनकी धारणा को फिर से परिभाषित करने का पक्का वादा करती है।
यह पुस्तक, पुराणों से मिलते-जुलते रूप में, आध्यात्मिक-वैज्ञानिक प्रकार का अपूर्व उपन्यास है। यह एक आध्यात्मिक-भौतिक प्रकार की मिश्रित कल्पना पर आधारित है। यह हमारे शरीर में प्रतिक्षण हो रहे भौतिक व आध्यात्मिक चमत्कारों पर आधारित है। यह दर्शन हमारे शरीर का वर्णन आध्यात्मिकता का पुट देते हुए पूरी तरह से चिकित्सा विज्ञान के अनुसार करता है। इसीलिए यह आम जनधारणा के अनुसार नीरस चिकित्सा विज्ञान को बाल-सुलभ सरल व रुचिकर बना देता है। यह पाठकों की हर प्रकार की आध्यात्मिक व भौतिक जिज्ञासाओं को शाँत करने में सक्षम है। यह सृष्टि में विद्यमान प्रत्येक स्तर की स्थूलता व सूक्ष्मता को एक करके दिखाता है, अर्थात यह द्वैताद्वैत की ओर ले जाता है। यह दर्शन एक उपन्यास की तरह ही है, जिसमें भिन्न- भिन्न अध्याय नहीं हैं। इसे पढ़कर पाठकगण चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, शरीर की पूरी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं; वह भी रुचिकर, प्रगतिशील व आध्यात्मिक ढंग से। इस पुस्तक में शरीर में हो रही घटनाओं का, सरल व दार्शनिक विधि से वर्णन किया गया है। 
इस पुस्तक को शरीरविज्ञान दर्शन~ एक आधुनिक कुंडलिनी तंत्र [एक योगी की प्रेमकथा] नामक मूल पुस्तक से लिया गया है। कुछेक पाठकों ने कहा कि इस पुस्तक में बहुत से विषय एकसाथ हैं, इसलिए कुछ भ्रम सा पैदा होता है। कई लोग लंबी पुस्तक नहीं पढ़ना चाहते, और कई किसी एक ही विषय पर केन्द्रित रहना चाहते हैं। हमने मूल पुस्तक से छेड़छाड़ करना अच्छा नहीं समझा, क्योंकि उसे प्रेमयोगी वज्र ने अपनी अकस्मात व क्षणिक कुंडलिनी जागरण के एकदम बाद लिखा था, जिससे उसमें कुछ दिव्य प्रेरणा और दिव्य शक्ति हो सकती थी। इसीलिए हमने वैसे पाठकों के लिए उसके मात्र शरीरविज्ञान दर्शन भाग को ही नए रूप में प्रस्तुत किया। हालांकि यही शरीरविज्ञान दर्शन असली व मूलरूप है, जिसे प्रेमयोगी वज्र ने तथाकथित जागृति से बहुत पहले लिखना शुरु कर दिया था, बेशक उसने अपने आध्यात्मिक अनुभवों को जोड़ते हुए इसे अंतिम रूप बाद में दिया।

About the Author

प्रेमयोगी वज्र का जन्म वर्ष 1975 में भारत के हिमाचल प्रान्त की वादियों में बसे एक छोटे से गाँव में हुआ था। वह स्वाभाविक रूप से लेखन, दर्शन, आध्यात्मिकता, योग, लोक-व्यवहार, व्यावहारिक विज्ञान और पर्यटन के शौक़ीन हैं। उन्होंने पशुपालन व पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी प्रशंसनीय काम किया है। वह पोलीहाऊस खेती, जैविक खेती, वैज्ञानिक और पानी की बचत युक्त सिंचाई, वर्षाजल संग्रहण, किचन गार्डनिंग, गाय पालन, वर्मीकम्पोस्टिंग, वैबसाईट डिवेलपमेंट, स्वयंप्रकाशन, संगीत (विशेषतः बांसुरी वादन) और गायन के भी शौक़ीन हैं। लगभग इन सभी विषयों पर उन्होंने दस के करीब पुस्तकें भी लिखी हैं, जिनका वर्णन एमाजोन ऑथर सेन्ट्रल, ऑथर पेज, प्रेमयोगी वज्र पर उपलब्ध है। इन पुस्तकों का वर्णन उनकी निजी वैबसाईट demystifyingkundalini.com पर भी उपलब्ध है।

Book Details

Number of Pages: 156
Dimensions: 6.00"x9.02"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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