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इंसान होने के नाते, हर समय, चाहे चेतन या अचेतन अवस्था में, ख़याल हमारे मन में आते रहते हैं। कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि कोई गहरा ख़याल मन से गुज़रा है, और काश उसे शब्दों में क़ैद कर लिया जाता। इस संकलन के माध्यम से मैंने वही कोशिश की है, और मैं व्यक्तिगत रूप से अपने आपको इस साहस और लगन के लिए सराहना देना चाहता हूँ। ख़यालों की अभिव्यक्ति हमेशा व्यक्तिगत होती है, और पढ़ने वाला उसका अर्थ अपनी सोच के अनुसार निर्धारित कर सकता है। मैं उनके फीडबैक का स्वागत करता हूँ।
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