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इस कथासागर की कहानियां आज के आधुनिक समाज से प्रेरित है। इन में समाज की कुरीतियों को उजागर किया है। कहानियों की भाषा सरल है। बोलचाल की भाषा में दूसरी भाषाऔं के प्रचलित शब्दों का प्रयोग पाठकों की सुविधा के लिए किया है।
सभी कहानियां समाज का दर्पण हैं। कहानियों के माध्यम से समाज को शायद कोई नया उपाय मिले, यही छोटा सा मेरा प्रयास है।
मेरी अभिव्यक्ति कथासागर -2 चच्चा कुछ नही आपके हाथों में है। पिछले वर्ष 2010 में प्रकाशित अभिव्यक्ति कथासागर -1 में पाठको और मित्रों की सराहना ने कुछ और लिखने के लिए प्रेरित किया। मैं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का विशेष आभारी हूं, जिनकी वेबसाईट hindisamay.com में अभिव्यक्ति कथासागर -1 की सातों कहानियां http://www.hindisamay.com/kahani/manmohan-bhatiya-abhivyakti/bhatiya-stories-index.htm लिंक पर उपलब्ध है।
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