You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

जैन पुरा गौरव (भाग - 2)

कुछ प्राचीन जैन स्थलों का इतिहास एवं महत्त्व
मनीष जैन "मलयकेतु"
Type: Print Book
Genre: Religion & Spirituality, History
Language: Hindi
Price: ₹220 + shipping
Price: ₹220 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

इतिहास ने जैनो और जैन धर्म के साथ पर्याप्त न्याय नहीं किया है,अतः इस छोटी सी पुस्तक को भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों के कुछ अनजाने जैन पुरा स्थलों के प्राचीन इतिहास, पुरातत्व व महत्वपूर्ण जानकारी को जनमानस में प्रदान करने हेतु लिखा गया है - जिस हेतु उपलब्ध पुरातत्व प्रमाणों, व देशी-विदेशी इतिहासकारों द्वारा लिखित पुस्तकों, शोध तथा आलेखों का अध्ययन करके एवं स्वयं के अनुभवों का आलम्बन लिया गया है| प्रथम भाग की सफलता के पश्चात ये इस पुस्तक का द्वितीय भाग है, आगे और भी भागों पर कार्य अनवरत है| आशा है ये पुस्तक हमें जैनों के प्राचीन गौरव की याद दिलाने में सफल रहेगी|

About the Author

मनीष जैन, जो कि पेशे से एक सॉफ्टवेयर कंपनी के सह संस्थापक एवं निदेशक है, उदयपुर - राजस्थान के निवासी है। इसके अतिरिक्त, ये जैनग्लोरी फाउंडेशन के संस्थापक भी है, जो कि भारत में जैन शोध तथा श्रुत, तीर्थ संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत है।

मनीष ने जैन धर्म की शिक्षा स्व. आचार्य श्री अजितसागर जी संघ, स्व. आचार्य श्री अभिनंदनसागर जी संघ, स्व. आचार्य श्री विपुलसागर जी, गणिनी आर्यिका ज्ञानमती माताजी, आचार्य श्री पद्मनन्दि जी संघ, तथा आचार्य श्री कनकनंदी जी संघ से प्राप्त की। आचार्य श्री कनकनंदी जी के चरणों में रहते हुए इन्होने लगभग 6 माह तक तत्वार्थ सूत्र इत्यादि मुख्य सिद्वांत ग्रंथों, संस्कृत, व्याकरण, न्याय और ज्योतिष का अध्ययन किया। साथ ही आचार्य श्री के लिए लेखन कार्य, प्रूफ रीडिंग, शास्त्र टीका सहयोग इत्यादि कार्य किया। बस तब से ही धर्म, तीर्थ, श्रुत और समाज की सेवा का उद्देश्य पनपा और उस पथ पर ये निरंतर गतिमान है। अब तक इन्होनें अनेकों धार्मिक, वैज्ञानिक एवं विद्वत संगोष्ठियों में भाग लिया एवं अन्य अनेकों धार्मिक, सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रमों हेतु कार्य किया। 1990 से लेकर अब तक इन्होने पुरातत्व, ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व के हजारों जैन स्थानों की यात्रा की है एवं कई अनजान पुरातन स्थलों के बारे में जानकारी जुटाई है, जिसे, विभिन्न जैन पत्र पत्रिकाओं, वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकाशित करते रहते है। ये “प्राचीन तीर्थ जीर्णाद्धार“ हेतु नियमित लिखते है, इसके अतिरिक्त, तीर्थ क्षेत्र कमिटी की “जैन तीर्थ वंदना“ पत्रिका में भी इनके लेख निरंतर प्रकाशित हुए।

मनीष विभिन्न जैन संगठनों/समूहों से कार्यकर्ता व मार्गदर्शक के रूप में जुड़े हुए है, और निरंतर धर्म प्रभावना, समाज सेवा कर रहे है। 2009 से ही अनेकों सोशल मीडिया पेज तथा समूह के प्रबंधक है एवं देश विदेश के इतिहास व पुरातत्व के कई विद्वानों से जुड़े हुए है। जैन अल्पसंख्यक आंदोलन के दौरान मनीष विश्व जैन संगठन के राजस्थान प्रभारी बनकर सक्रिय रूप से कार्य करते रहे। इसके अलावा, इन्होने, विकिपीडिया पर कई गलत जैन सामग्री को सही किया है, गूगल मैप पर 1200 से अधिक जैन स्थानों को प्रकाशित कराया है। ये जैन पत्रकार संघ के आजीवन सदस्य बनकर जैन पत्रकारिता के क्षेत्र में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। पिछले 12 वर्षों से जैन धरोहर के संरक्षण के कार्यों में व्यक्तिगत और समूहगत, स्वयंसेवी कार्यों में भी संलग्न रहे है। इस दौरान, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ स्थानों के जीर्णोद्धार में इनका व्यक्तिगत, और समूहगत योगदान भी रहा है, जो अनवरत जारी है। वर्तमान में भी गुलबर्गा के आसपास एवं तेलंगाना के स्थलों के संरक्षण के लिए स्थानीय व अजैन लोगों के साथ प्रयत्नरत है। इस हेतु ये जैनग्लोरी फाउंडेशन, जैन संघ पुणे, मदुरै जैन हेरिटेज संघ, इत्यादि अनेकों संस्थाओं से जुड़े हुए है। इतिहास, पुरातत्व अध्ययन, धर्म/दर्शन/विज्ञानं का तुलनात्मक अध्ययन, जैन यात्रा और पुरातत्व खोज इनके मुख्य अभिरुचि के निरंतर कार्य है।

Book Details

ISBN: 9789334059625
Number of Pages: 158
Dimensions: 5.83"x8.27"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

जैन पुरा गौरव (भाग - 2)

जैन पुरा गौरव (भाग - 2)

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book जैन पुरा गौरव (भाग - 2).

Other Books in Religion & Spirituality, History

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.