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इस काव्य संग्रह का नाम इंद्रधनुष रखने के पीछे एकमात्र प्रबल कारण यह है की इस नाम को रखने से बड़ा संतोष प्राप्त हुआ ! दूसरा यह है की जिस प्रकार इंद्रधनुष में कई प्रकार के रंग होते है उसी प्रकार इस काव्य संग्रह मे भी अलग अलग विषयों पर कविताएँ लिखी गई है. ! ये वे कविताएँ है , जो कई वर्षो तक पुनरावर्तन के उपरांत रस प्रदयक जान पड़ी है ! आशा है पाठको को भी ये रुचिकर लगेगी ,किसी भी नये प्रवेश करने वालो से ग़लतियाँ होना स्वाभाविक है !
यही हाल मेरा भी है ! मेरे लिए कवियों ओर पाठको के जगत में प्रवेश एक नूतन अनुभव है ! इस नये आगंतुक को कृपया अपना कार्य सुधारने ओर परिस्कृत करने में अपना बहुमूल्य सहयोग दें ! आपके विचार आलोचना एवं सुझाव स्वीकार है !
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