You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

म्हारा थारा प्यारा हरियाणा (काव्य)

महेन्द्र सिंह बिलोटिया
Type: Print Book
Genre: Literature & Fiction, Poetry
Language: Hindi
Price: ₹399 + shipping
Price: ₹399 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

कवि महेन्द्र सिंह बिलोटिया, हरियाणा के चरखी दादरी ज़िले के ग्राम इमलोटा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं, जिनका जन्म 1 जनवरी 1954 को एक साधारण परिवार में हुआ। पिता श्री केहर सिंह और माता श्रीमती धनकौर के संस्कारों से समृद्ध, आपने नौवीं तक की औपचारिक शिक्षा के बावजूद ज्ञान, प्रयोग और अनुभव के बल पर हिंदी एवं हरियाणवी साहित्य में एक विशिष्ट स्थान बनाया।
लेखन यात्रा 1980 में प्रारंभ हुई और जल्द ही आपकी काव्यधारा ने आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा देशभर के मंचों पर अमिट छाप छोड़ी। आपकी लेखन शैली में संवेदना, यथार्थ, लोक-संस्कृति और सामाजिक सरोकारों का सशक्त समन्वय दिखाई देता है।
आपकी प्रकाशित पुस्तकों में—
कब तक भीगेगी नारी, बाल ख्याल काव्य ताल, दर्पण दर्शन, लोक झोंक, लोक धुन तथा कहानी संग्रह चोट शामिल हैं। आपकी कृति बाल ख्याल काव्य ताल को 2007 में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा अनुदान प्राप्त हुआ, जो आपकी साहित्यिक पहचान को और प्रबल करता है।
अपने साहित्यिक योगदान के लिए आपको उपायुक्त भिवानी, अतिरिक्त उपायुक्त भिवानी, उपायुक्त रेवाड़ी, शिक्षा अधिकारी झज्जर, तथा अनेक राष्ट्रीय एवं प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मान मिला है।
आपको—
• विक्की वर्ल्ड रिकॉर्ड जर्नल
• शैली साहित्य मंच रोहतक
• अनिल साहित्य सम्मान (उत्तरप्रदेश)
• काव्य सौरभ सम्मान
• बाल्मिक शोध पीठ, MDU रोहतक
• राष्ट्रीय कवि संगम
• सर्व शिक्षा अभियान, पीरागढ़ी दिल्ली
• अखिल भारतीय साहित्य परिषद नारनौल
• यादव महासभा गुरुग्राम
तथा अनेक संस्थानों से विशिष्ट सम्मान प्राप्त हुए हैं।
आपकी दो रचनाएँ आर्मी जाट रेजिमेंट के दो सौ वर्ष के ऐतिहासिक उत्सव पर प्रकाशित स्मृति–ग्रंथ में भी स्थान पा चुकी हैं, जो आपके साहित्यिक गौरव को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर आपको लगभग 400 से अधिक प्रशंसा सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जो आपकी लोकप्रियता और जनविश्वास का प्रमाण हैं।
हरियाणवी लोक-संस्कृति, समाज और मानवीय मूल्यों को अपनी लेखनी के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुँचाना ही आपका ध्येय है।

About the Author

हरियाणा केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि लोक–संस्कृति, वीरता, भक्ति, मातृत्व, सरलता और मिट्टी की सौंधी महक से बनी एक जीवंत पहचान है। प्रस्तुत काव्य–संग्रह “म्हारा थारा प्यारा हरियाणा” इसी धरती की सच्ची आत्मा को शब्दों में पिरोने वाला एक अनुपम साहित्य–संग्रह है।
कवि महेन्द्र सिंह बिलोटिया ने हरियाणवी भाषा को अपनी रचनाओं में इस तरह समेटा है कि हर पंक्ति में गाँव की साँस, खेतों की हवा, माताओं का आशीर्वाद, लोकगीतों की मिठास और समाज की संवेदनाएँ सहज रूप से झलक उठती हैं। यह पुस्तक पाठकों को हरियाणवी बोली के उस विशिष्ट संगीत से रूबरू कराती है, जो आज भी संस्कृति की गहराई में धड़कता है।
इस संग्रह में—
• माँ सरस्वती, दुर्गा और मनसा देवी की आराधना,
• मातृत्व और नारी–शक्ति का सम्मान,
• भ्रूण हत्या जैसे सामाजिक विषयों पर सार्थक संदेश,
• तीज-त्यौहारों की रंगत,
• बाल–काव्य की मधुरता,
• देशभक्ति और भारतमाता को नमन,
• लोक-धुन, लोक–झोंक और हरियाणवी जीवन की सहज छवियाँ
सब कुछ उसी सादगी और अपनत्व के साथ प्रस्तुत हैं, जैसी हरियाणवी संस्कृति की पहचान है।
कवि की रचनाएँ पाठकों को कभी भक्ति में डुबो देती हैं, कभी माँ की ममता में भिगो देती हैं, कभी समाज के प्रति जागरूकता पैदा करती हैं, तो कभी हरियाणा की संस्कृति का गौरव याद दिलाती हैं। यही इस काव्य–संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता है—यह केवल ‘कविताएँ’ नहीं, बल्कि हरियाणा की रूह का अनुभव है।
“म्हारा थारा प्यारा हरियाणा” उन सभी पाठकों के लिए एक साहित्यिक सेतु है, जो अपनी भाषा, अपनी मिट्टी और अपनी परंपराओं से गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। विश्वास है कि यह पुस्तक हर आयु और हर वर्ग के पाठक को भाव–रस, प्रेरणा और सांस्कृतिक गौरव तीनों प्रदान करेगी।
इसी शुभेच्छा के साथ-
हरियाणा की यह सांस्कृतिक विरासत पाठकों के हृदय में स्थान बनाए और आने वाली पीढ़ियों को भी अपनी जड़ों से जोड़े रखे।

Book Details

ISBN: 9788199540392
Publisher: Sjain Publication
Number of Pages: 145
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

म्हारा थारा प्यारा हरियाणा (काव्य)

म्हारा थारा प्यारा हरियाणा (काव्य)

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book म्हारा थारा प्यारा हरियाणा (काव्य).

Other Books in Literature & Fiction, Poetry

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.