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मुझे आश्चर्य तब हुआ था जब मैंने बस कुछ ही दिनों में Google सर्च पर इसे बेस्ट ब्लाग्स फ्राम बेस्ट ब्लागर्स के रूप में देखा । यह छोटी सी घटना मुझे रोमांचित कर गई । जैसा की मैंने लिखा , लिख तो तीस वर्षों से रहा था । प्रिंट मीडिया में निरंतर ही कुछ न कुछ प्रकाशित होता रहता था । इन रचनाओं को किताब के रूप में रखने पर सात किताबें बन गईं थीं लेकिन अचानक यह इलेक्ट्रानिक मीडिया वर्चुअल वर्ल्ड पर इस तरह आ जाना मेरी कल्पना से परे था । हाँ इस बहाने मुझे इस वर्चुअल वर्ल्ड की शक्ति , इसकी सच्चाई और इस माध्यम से लोगों से जुडने का अहसास हुआ । मैं अन्जाने ही इस माध्यम से बंध गया । क्या है इस ब्लागिंग में , कुछ खास तो नहीं बस अपने विचार रोजमर्रा की जिंदगी का अपने नजरिए से लेखा जोखा और वह मेरे मित्रों को पसंद आने लगा । यह ब्लाग्स अचानक नई दुनियां में दस्तक देने लगे । लोगों के दिल को छूने लगे । क्या कहूँ इसे , माँ सरस्वती की कृपा , अपने आराध्य साईं बाबा का प्रसाद , परमात्मा का वरदान । लोगों की प्रतिक्रिया भी ऐसी कि आँख नम हो जाये । लोग इन आख्यानों के साथ हंसने और रोने लगे । मुझे पढ़ कर बताने लगे कि पढ़ते हुये हमें होश ही नहीं रहता कि कब पढ़ना शुरू किया और कब रचना पूरी हो गई । वह तो जब रचना खतम हुई तब होश आया । मेरी आँखों के सामने इन ब्लाग्स को पढ़ कर लोगों के रोंगटे खड़े होने लगे । मैं परमात्मा के सामने नतमस्तक हो गया । तब मुझे विश्वास होंना शुरू हुआ कि मैं परमात्मा के दिये हुए आदेश को पूरा कर रहा हूँ ।
अनोखी दुनियाँ
लाजवाब पुस्तक , सचमुच पढ़ कर ऐसा लगा कि पढ़ते पढ़ते खो गया । अनेक स्थानों पर खुद ब खुद आँखें नम हो गई ।
वर्तमान संदर्भों को ले कर दिल को छूने वाली किताब । शायद इस शैली में पुस्तक के रूप में लिखी हुई अब तक की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक ।
मुरली जी की कलम में वाकई जादू है ।