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"ज्ञान की बात – 3" रूपेश रंजन द्वारा प्रस्तुत एक और सुंदर प्रयास है, जिसमें गहराई से यह बताया गया है कि मनुष्य को किस प्रकार की वृत्तियों को छोड़ना चाहिए और किन गुणों को आत्मसात करना चाहिए। इस खंड में लोभ, क्रोध, अहंकार जैसे अवगुणों के त्याग और सेवा, दान, उदारता, और समदृष्टि को अपनाने की प्रेरणा दी गई है।
पुस्तक यह भी सिखाती है कि मानवता केवल अपने स्वार्थ में नहीं बल्कि वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना में निहित है। जो लोग 'यह मेरा है, वह पराया है' की सोच से ऊपर उठते हैं, वही सच्चे अर्थों में जीवन को समझ पाते हैं।
"ज्ञान की बात – 3" केवल एक कविता संग्रह नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है जो वर्तमान पीढ़ी को जागरूक और सशक्त बनाता है।
So much full of knowledge. Wonderful to read it. Sanskrit shlokas are at one place. Great work. Inspiring for other writers.
Review of Gyaan ki baatein-3
Wonderful experience to read it. Full of knowledge. Sanskrit shlokas are full of knowledge.