You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
हर कहानी का एक जन्म होता है—कभी वह किसी अनकही याद से जन्म लेती है, कभी किसी अधूरे सपने से, और कभी किसी ऐसे दर्द से जिसे शब्दों में बांधना मुश्किल होता है। "साक्ष्य" मेरे लिए सिर्फ़ एक उपन्यास नहीं, बल्कि उन भावनाओं का संग्रह है, जो वर्षों से मेरे मन में चुपचाप साँस ले रही थीं।
इस कहानी के बीज तब पड़े, जब मैंने यह महसूस किया कि कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो समय, दूरी और मृत्यु—इन तीनों से परे होते हैं। पहाड़ों की शांत वादियों, देहरादून की धुंधली गलियों और चमोली के उस छोटे-से गाँव की मिट्टी में न जाने कितनी अनसुनी कहानियाँ दबी हुई हैं। साक्ष्य उन्हीं में से एक है—एक ऐसी आत्मा की कहानी, जो भले ही शरीर से दुनिया छोड़ चुकी हो, पर अपने लोगों की ढाल बनकर आज भी यहीं है।
यह कहानी मेरे लिए प्रेम, बलिदान और संरक्षण का प्रतीक है। मैंने इसे लिखते समय सिर्फ़ पात्रों को नहीं, बल्कि उनकी सांसों को महसूस किया। शायद इसलिए यह पुस्तक मेरे लिए किसी काल्पनिक रचना से अधिक, एक अनुभव बन गई।
अगर आप इस कहानी को पढ़ते समय अपने दिल में एक हलचल, आँखों में एक नमी और मन में एक गर्माहट महसूस करें, तो समझिएगा कि "साक्ष्य" ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book साक्ष्य.