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‘लघुकथा मंजूषा’ शृंखला की तीसरी पुस्तक लघुकथा मंजूषा-3 नए प्रयोग के साथ प्रस्तुत की जा रही है। इस प्रयोग के तहत इस लघुकथा संग्रहालय हेतु छः संपादकों का चयन किया गया है।
इस संग्रहालय के दो भाग हैं। दोनों भागों में तीन-तीन संपादकों हेतु स्थान सुनिश्चित किया गया है।
इस लघुकथा संग्रहालय में सभी संपादकों के आलेख, उनकी स्वरचित लघुकथाएँ और उनके द्वारा चयनित अन्य लघुकथाकार मित्रों की लघुकथाएँ प्रदर्शित की गई हैं।
इस प्रयास पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी, ताकि अगली प्रस्तुति और बेहतर कर सकें।
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