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इस लघु पुस्तिका में हमारे दैनिक जीवन से जुड़े हुए भौतिक और आध्यात्मिक पहलुओं को सुन्दर, स्मरणीय, और कर्णप्रिय कविताओं के रूप में छुआ गया है। ये कवितायेँ बहुआयामी हैं। प्रत्येक कविता अनेक प्रकार के विषयों को एकसाथ छूती है। कविता हमारे अवचेतन मन तक आसानी से पहुँच बना लेती हैं। इसीलिए कहा जाता है कि "जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि"। बहुत सी पुस्तकों को पढ़ने से भी जो बात मन-स्वभाव में न बैठे, वह मात्र एक कविता के पठन-चिंतन से आसानी से बैठ सकती है। इस पुस्तिका की सभी कविताएँ स्मरण करने योग्य हैं। इन्हें गाया भी जा सकता है। हरेक कविता भाव व अनुभव से भरी हुई है। इन कविताओं को सजावट के तौर पर भी विभिन्न स्थानों पर लगाया जा सकता है। पॉकेट बुक के रूप में इन्हें हमेशा अपने साथ भी रखा जा सकता है, ताकि इनकी चेतनामयी शक्ति किसी तंत्रमंडल की तरह हर समय लाभ प्रदान करती रहे। बहुत न लिखते हुए इसी आशा के साथ विराम लगाता हूँ कि प्रस्तुत कविता-संग्रह कविता-प्रेमी पाठकों की आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा।
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