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स्त्री—पुरुष संबंधों की जटिलता से गुजरती एक प्रेम कहानी. प्रेम क्या है? सेक्स क्या है? सेक्स ही प्रेम है? या सेक्स से इतर प्रेम का अस्तित्व हो सकता है? क्या स्त्री और पुरुष के बीच दोस्ती हो सकती है, वैसी दोस्ती जैसी किसी दो पुरुषों के बीच या दो स्त्रियों के बीच? इन सवालों से मुठभेड़ करती एक लंबी कहानी या फिर एक सिटिंग में पढ़ा जाने लायक एक लघु उपन्यास.
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