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(4 Reviews)

अंजन

कुछ दिल से
विवेक अंजन श्रीवास्तव
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹135 + shipping

Also Available As

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Description

काजल और अंजन के द्वारा नेत्रों में श्यामता ,विशालता एवं प्रभावपूर्ण कटाक्ष उत्पन्न किया जाता है |
इसी शब्द पर आधारित है यह कविता संग्रह ‘अंजन' कुछ दिल से….

यह संग्रह जीवन,आत्म-विस्वास ,जिंदगी ,प्यार ,बेवफा,दोस्त,गाव,यादें,धोखा और आस जैसे बिन्दुओं आधारित है | अधिकाँश रचनाये बाकी रचनाकारों की तरह इश्क परस्त हैं इसलिए उनमें आपको यादें, रातें, नींद, ख्वाब, तनहाई, अँधेरा, उदासी तो मिलेंगी ही साथ ही ज़माने के बारे में भी विचार देखने को मिलेंगे!
सोचते है जाने से पहले लोगो की सोच बदल जाये,
जिंदगी के किस्तों का हिसाब हम भी रखते है |
हम वो नही जो वक्त के साथ, अपने रिश्ते बदल जाये ,
दिल से रिश्तो को निभाने का रिवाज हम भी रखते है ||

बेवफाई और गम हर इन्सान का अभिन्न अंग रहा है
सब कुछ था लाश में बिना दिल के
शायद जीवन भी प्यार में कम गया
बिछड़ने का आँखों में अहसास था
अंजन वो जब दूर...

About the Author

विवेक अंजन श्रीवास्तव शिक्षाः B.E.(Hons.)Computer Science, MBA (HR) विधाः गीत, कविता, ग़ज़ल, समीक्षा लेख।
रुचि: कविता के अतिरिक्त संगीत से प्रेम । जन संपर्क, इन्टरनेट और ब्लोगिंग में विशेष रूचि |आत्मकथ्य : अपने बारे में, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में हमेशा परेशानी होती है। सलाह अच्छी देता हूं, राजदार अच्छा हूं, इसलिए कुछ लोगों के अंतरंग का गवाह हूं। किताब, क्रिकेट, सिनेमा, नाटक, संगीत और प्रेम में गहरी दिलचस्पी है।उम्र में बडो की संगती भाती है। जो लोग मुझ नहीं पहचान पाते है, उनके लिये रुड, घमंडी, एरोगेंट हूं। अपने इर्द गिर्द एक दीवार बनाये हुए हूं जिसमे घुसने की इजाजत कुछ ही लोगो को है। अगम्भीर किस्म का गम्भीर इन्सान हूं। जिस काम में मजा नहीं आता उसे नही करता |
Website: www.vivekanjan.com

Book Details

Number of Pages: 55
Dimensions: 5.83"x8.26"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

अंजन

अंजन

(5.00 out of 5)

Review This Book

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4 Customer Reviews

Showing 4 out of 4
vipinmohit 13 years ago Verified Buyer

Re: अंजन

Aao ek sataranj bichaye, phir se ek sapna sajaye
phir na ude koi parinda, aisa ek angana banaye

Dosti-yaari, duniya-daari, ab hum samaj chuke hai
main kya hu kya hovunga, chalo apne ko...

Bhaskar Shukla 13 years ago

Re: अंजन

सब कुछ था लाश में बिना दिल के
शायद जीवन भी प्यार में कम गया
बिछड़ने का आँखों में अहसास था
अंजन वो जब दूर गया नम गया

awsm saying...........
every line say something about...

abhijeetlutade 13 years ago

Re: अंजन

The Book is really excellent from the Cover to last page.
Various situations and incidence of life are well explained in simplified words.
Congrats...for this great work !
&
Best wishes for the...

RishiKesh Pandey 13 years ago

Re: अंजन

उनकी आँखों से काश कोई इशारा तो होता
कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता
तोड़ देते हम हर रस्म ज़माने की
एक बार ही सही उसने "अंजन " पुकारा...

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