You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
शब्द, जब यह शब्द सुनते हैं तो कई अर्थों में हमारे सामने प्रस्तुत होता है। एक शब्द के अनेक अर्थ देखे है कई अर्थो का एक शब्द देखा है दरअसल शब्द शब्द नहीं एक संसार है जिसमें अथाह कल्पना बसी है, अथाह संवेदना छिपी है। कई शब्द को जीवन कहा गया है शायद शब्द में जीवन ढूंढा जा सकता है। शब्द के रूप अनेक देखे हैं खासकर इस महामारी में एक शब्द ने जीवन को प्रभावित किया है। कई ऐसे शब्द है जो सफलता दिलाते हैं, कई ऐसे शब्द है जो उजाला दिखाते हैं, कई शब्द अंधकार में ले जाते हैं कई ऐसे शब्द भी हैं जो स्वाद परख है, हो ना हो इस महामारी ने शब्द की परिभाषा से अवगत कराया है।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book साहित्यिक संवेदनाएँ और कोरोना महामारी.