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भारत के गांवों में सरपंच चुनाव राजनीति उतनी आसान नहीं है जितनी दिखती है। सरपंच मुखिया का चुनाव केवल वोट डालने और गिनने तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह रिश्तों, जाति-धर्म, गुटबाज़ी, अफवाहों, प्रचार प्रसार, बूथ मैनेजमेंट, गुप्त रणनीति, और पैसों के खेल से होकर गुजरता है।
इस Sarpanch book में आप जानेंगे:
एक गांव का साधारण सरपंच मुखिया का चुनाव इतना जटिल क्यों हो जाता है।
गांव के Sarpanch चुनावी समीकरण कैसे बनते और बिगड़ते हैं।
पंचायत चुनाव में अफवाहें, प्रचार, जाति और रिश्तेदारी से समीकरण कैसे बदल जाते हैं।
कैसे चुनाव समय दोस्ती और दुश्मनी वोट बैंक में बदल जाती है।
सरपंच पद के लिए मतदान के दिन क्या रणनीति होनी चाहिए।
वोटों की गणित कैसे करनी चाहिए।
चुनाव जीतने की रणनीति में घर-घर संपर्क बनाम सोशल मीडिया प्रचार की असली ताक़त।
वोटों की राजनीति में चुनावी खर्च और सही बूथ मैनेजमेंट।
सरपंच उम्मीदवार के जीत की खुशी और हार के ग़म का असली अनुभव।
सरपंच पद पर सत्ता संभालने के बाद वादों से हकीकत तक का सफ़र।
Sarpanch election से कैसे सीखे सबक।
अंत में सरपंचों के राजनीति अनुभवों का सारांश।
यह सरपंच गणित: गांव के वोटों की चाल, दिशा, और गिनती से सत्ता तक! गांव की राजनीति, रणनीति और सत्ता की असली कहानी पुस्तक सिर्फ़ सरपंच के चुनाव में नहीं, बल्कि ग्रामीण लोकतंत्र के सबसे निचले पायदान का एक आईना है। एक तरह से यह Sarpanch kitab उन सभी नए, पुराने सरपंच उम्मीदवारों, राजनीति में पहला कदम रखने वाले युवाओं के लिए है, जो गांव की राजनीति, चुनावी रणनीति, और भारतीय लोकतंत्र की असली ताक़त को समझना चाहते हैं।
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