हिंदी नाट्य लेखन, गीत लेखन, व फिल्म पटकथा - संवाद लेखन अभिनय व निर्देशन कुल 80 पूर्णकालिक, लघुनाटक व रेडियो नाटक, 1300 गीत एवं 70 भजन लेखन, वापसी, सुख का सूरज, बड़े मियां दीवाने, कब्बो आर कब्बो पार, कजरी शीर्षक से फिल्म कथा, पटकथा, संवाद एवं गीत लेखन. घमछैयाँ नमक टेलीफिल्म का लेखन जिसे दूरदर्शन पे प्रसारित किया गया. स्वम लिखे गए 66 नाटको का निर्देशन अन्य लेखको के चार नाटको में अभिनय स्वम के निर्देशन में 14 नाटको में अभिनय तथा आकाशवाणी के लिए बाल गीत का लेखन कार्य. और भी दर्द है सीने में मोहब्बत के सिवा! नाटकों का लेखन इसी शेर के मिसरे पे आधारित रखा. समाज में फैली कुरीतियों, जीवन संघर्ष, अधिकारों की प्राप्ति, के लिए बुलंद होती आवाज़, यही अधिकतर नाटको का मूल विषय रहा. पूर्वउत्तर रेलवे (गोरखपुर) के लिए एक दर्जन से अधिक नाटको का लेखन, निर्देशन कार्य, जिसे अधिकतर नाट्य प्रतियोगिताओ में भेजा गया. रेलवे को कई बार अवार्ड जीतने के सौभाग्य प्राप्त हुआ. रेलवे के लिए घूमते पहिये सिमटी दूरियां नमक फिल्म का लेखन किया. देवरिया (उत्तर प्रदेश) मुख्यालय पर रहते हुए स्वर संगम नाम की संस्था की स्थापना. गोरखपुर में 38 वर्ष की अवधि तक रहते हुए अधिकतर नाटको का लेखन, निर्देशन, प्रदर्शन का कार्य स्वंय बनाई गई संस्था Amateur Artist Guild "आग परिवार" के बैनर तले किया.
God's Table
Santosh Avvannavar, Jyothi Byahatti, Dr. Sandeep Huilgol
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