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यह पुस्तक, जिसे आप अपने हाथों में थामे हुए हैं, केवल कुछ पन्नों का संग्रह या एक साधारण शीर्षक भर नहीं है। यह उससे कहीं अधिक है; यह एक गहन और व्यापक यात्रा का प्रवेश द्वार है – एक ऐसी यात्रा जो हमें जीवन के उन अनछुए और अक्सर अनकहे पहलुओं से रूबरू कराती है, जो हमारे अस्तित्व की नींव बनते हैं। यह एक मौन गाथा है, जिसमें पिताओं के अथक परिश्रम, निस्वार्थ प्रेम और अडिग समर्पण की अदृश्य स्याही से रची गई कहानियाँ छिपी हैं। प्रत्येक पृष्ठ पर, आप उन हाथों की कठोरता को महसूस कर सकते हैं, जिन पर समय और श्रम की अनगिनत परतें जमी हैं। ये कठोर हाथ केवल कर्मठता के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह उनकी हर ख्वाहिश, हर सपने को पूरा करने का संकल्प लिए होती हैं – विशेषकर अपनी बेटियों के लिए। तपते सूरज की तपिश में, ठिठुरती रातों की सर्द हवा में, या भोर की पहली किरण फूटने से पहले ही शुरू हुआ उनका संघर्ष, उनकी संतानों के जीवन को सहारा देने का एक अटूट वादा होता है। उनके हाथों की हर लकीर में, हर खुरदरेपन में, एक पिता का अपनी बेटी के लिए एक बेहतर दुनिया गढ़ने का स्वप्न छिपा होता है। और फिर, उनके माथे पर उभरी चिंता की लकीरें हैं। ये केवल उम्र के निशान नहीं हैं, बल्कि ये बेटियों के सुनहरे भविष्य की गारंटी बनती हैं। हर एक रेखा, हर एक शिकन एक अदृश्य धागे से जुड़ी है जो उनकी बेटी के सपनों, उसकी सुरक्षा और उसकी खुशियों से बंधा है। वे अपनी बेटियों के लिए अपनी रातों की नींद, अपनी दिन की शांति और अपने व्यक्तिगत सुखों का त्याग करते हैं। यह त्याग इतना स्वाभाविक और सहज होता है कि अक्सर इसकी गहराई को समझा नहीं जा सकता। उनके मन में पलने वाली हर एक चिंता, बेटियों के रास्ते से काँटों को हटाने और उनके लिए फूलों भरी राह बनाने का एक मौन संकल्प होता है। यह पुस्तक हमें उस निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा से परिचित कराती है जो शब्दों से परे है। यह वह प्रेम है जो बिना किसी शर्त, बिना किसी मांग के दिया जाता है। यह वह अडिग समर्पण है जो अपनी ज़रूरतों को ताक पर रखकर, अपनी बेटियों के हर छोटे-बड़े ख्वाब को हकीकत में बदलने की ज़िद पाले रहता है। वे कभी शिकायत नहीं करते, कभी अपने बलिदानों का ढिंढोरा नहीं पीटते। वे एक मजबूत स्तम्भ की तरह, एक अभेद्य ढाल की तरह खड़े रहते हैं, अपनी बेटियों को दुनिया की हर मुश्किल से बचाने के लिए। इस यात्रा के दौरान, हम महसूस करते हैं कि कैसे एक पिता का जीवन, अपनी बेटियों के भविष्य के इर्द-गिर्द बुना एक जटिल ताना-बाना होता है। उनकी मौन गाथा हमें सिखाती है कि सच्चा प्रेम केवल भावनाओं का प्रदर्शन नहीं होता, बल्कि वह निरंतर प्रयास, अथक त्याग और अटूट विश्वास का संगम है।
यह पुस्तक केवल एक शीर्षक भर नहीं, यह एक दर्पण है जो हमें हमारे जीवन में उन अनमोल पिताओं की पहचान कराता है, जिनकी आँखों में हमारी सफलता का सपना चमकता है, जिनके माथे पर हमारी चिंता की लकीरें छपती हैं, और जिनके हाथों की कठोरता हमारे भविष्य की नींव बनती है। यह एक ऐसा पवित्र ग्रंथ है जो हमें इन मूक नायकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का पाठ पढ़ाता है, और हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन की सबसे खूबसूरत कहानियों के पीछे अक्सर एक पिता का अथक परिश्रम और निस्वार्थ प्रेम छिपा होता है।
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