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अतीत
अतीत - आज का वर्तमान
“कई कत्ल की गुत्थी अतीत और वर्तमान में उलझी हुई थी। और एक समय ऐसा आया जब, अतीत और वर्तमान दोनों थम से गए। अब आगे भी जाने का कोई रास्ता नहीं था, और अतीत में भी जाने का कोई मार्ग नहीं था। जिन पर भी शक था सब मारे जा चुके थे। सिवाय एक शक्स के, जो अपना अतीत भूल चुका था। अब ना कोई गवाह था, और ना ही कोई कातिल! पर अतीत में हुए कत्ल का राज आज भी अनसुलझा था। जिसे अतीत में जाकर ही सुलझाया जा सकता था। क्या यह संभव हो सका..!!”
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