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आत्म अभिव्यक्ति
मनुष्य जीवन वर्तमान समय में उगते सूरज की पहली किरण से अंधेरी रात तक असमंजस की स्थिति में है। असमंजस में बिखरना स्वभाविक है। मनुष्य का संभलना और उभरना मुश्किल जरूर है, पर नामुमकिन नहीं है। अनुभवों, प्रेरणादायी विचारों और परस्पर सहयोग के माध्यम से असमंजस में राह प्रदर्शित करना भी मानवता है। सफलता में अत्यधिक खुशी एंव अपेक्षित सफलता न मिलने पर बहुत हताश होना भी असमंजस है। एक व्यवहारिक एंव विनम्र साहित्यकार संपूर्ण मनुष्य है।
अनुभूति की अभिव्यक्ति भी साहित्य का एक रूप है। अनुभवी को अभिव्यक्ति की समस्या तथा अभिव्यक्ति में अनुभूति की कमी है। इस ‘कविता संग्रह’ में जीवन के अनुभवों को कविताओं के माध्यम से अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है। आशा करता हूँ कि आप मुझे अपना स्नेहिल आशीर्वाद प्रदान करेंगे। मेरा मानना है कि हम तकनीकी रूप से सर्वश्रेष्ठ हो सकते हैं यदि व्यवहारिक नहीं तो मानवता पर बोझ है। आत्म-सुधार ही मानवता एवं संसार की सर्वोच्च सेवा है।
✍ हितेन्द्र शर्मा
Wow
The book is really amazing
All poetrys are worth reading
I just loved them all
Each poem is so relatable to everyday life
Keep writing