Description
In ancient Egypt, the hermit Paphnutius repents for his boyhood lust for the divine beauty Thais as he contemplates his sins. He resolves to liberate that sinful woman from vice. This is the story of the consequences of his resove.
Published in 1890, Thais is a priceless gem of world literature. Its author, Anatole France, won the Nobel Prize in Literature in 1921. Thais has inspired many works including Bhagwati Charan Verma's famous novel Chitralekha.
Kamayani Vibhuti Trust proudly presents this first Hindi translation of Thais.
प्राचीन मिस्र में, अपने पापों पर विचार करते हुए सन्यासी पापनुशियस दिव्य सुंदरी थायस के लिए अपनी लड़कपन की वासना के लिए पश्चाताप करता है। वह संकल्प करता है कि वह उस पापी स्त्री को पाप से मोक्श दिलाएगा। उसे इस निश्चय के परिणामों की यह कहानी है।
1890 में प्रकाशित “थायस” विश्व साहित्य का एक अन्मोल रत्न है। इसके लेखक अनातोल फ्रांस ने 1921 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीता। “थायस” ने भगवती चरण वर्मा के प्रसिद्ध उपन्यास “चित्रलेखा” सहित कई रचनाओं को प्रेरित किया है।
कामायनी विभूति ट्रस्ट गर्व से “थायस” का यह प्रथम हिंदी अनुवाद प्रस्तुत करता हैं।
अनातोले फ्रांस (1844-1924) एक प्रभावशाली फ्रांसीसी कवि, पत्रकार और उपन्यासकार थे। वह अकेडमी फ़्रौंसेस के सदस्य थे और 1921 में वे साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता रहे।
अनातोले फ्रांस को मार्सेल प्राउस्ट के क्लासिक “इन सर्च ऑफ लॉस्ट टाइम” में कथावाचक मार्सेल की साहित्यिक मूर्ति बर्गोट के लिए मॉडल माना जाता है।
अनातोले फ्रांस ने एक कवि और एक पत्रकार के रूप में अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत की। उनका उपन्यास “ले क्राइम डे सिल्वेस्ट्रे बोनार्ड” (1881) को अकेडमी फ़्रौंसेस पुरस्कार भी मिला।
1896 में उन्हें अकेडमी फ़्रौंसेस का सदस्य चुना गया। उन्होंने एमिल ज़ोला के उस घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जो एक यहूदी सेना अधिकारी अल्फ्रेड ड्रेफस का समर्थन कर रहे थे, जिन्हें फर्जी तौर पर जासूसी के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
उनका उपन्यास “थायस” 1890 में प्रकाशित हुआ था। यह मिस्र के संत थायस के जीवन पर आधारित है। यह उपन्यास 1894 में एक ओपेरा, 1917 में एक फिल्म, हिब्रू में एक उपन्यास, प्रेमचंद द्वारा लिखित एक कहानी “अहंकार” और भगवती चरण वर्मा के प्रसिद्ध उपन्यास “चित्रलेखा” (1934) के लिए प्रेरणा और आधार रहा है।
अनातोले फ़्रांस के बाद के कार्यों में “पेंग्विन द्वीप” (L'Ile des Pingouins, 1908) शामिल है जो फ़्रांस का एक व्यंगात्मक इतिहास है। उनका उपन्यास “द गॉड्स आर अथर्स्ट” (लेस डायक्स ओन्ट सोफ, 1912) फ्रांसीसी क्रांति के दौरान पेरिस की स्थितियों पर आधारित है। “एन्जिल्स का विद्रोह” (ला रिवोल्ट डेस एंजेस, 1914) को फ्रांस का सबसे गहरा और विडंबनापूर्ण उपन्यास माना जाता है।
(आभार : अनातोले के जीवन से जुड़ी उपरोक्त जानकारियाँ विकिपीडिया पर आधारित हैं)
Publisher: Kamayani Vibhuti
Number of Pages: 184
Dimensions: 6"x9"
Interior Pages: B&W
Binding:
Paperback (Perfect Binding)
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