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(1 Review)

किरन

Anuj Jain
Type: Print Book
Genre: Mystery & Crime
Language: Hindi
Price: ₹200 + shipping
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Description

यह कहानी किरन नाम की एक साहसी और आत्मनिर्भर स्त्री के संघर्ष की दास्तान है, जिसे समाज की घिनौनी प्रथा हलाला का शिकार बनाया गया। किरन का पहला पति फ़ैसल, तलाक देने के बाद हलाला के नाम पर उसे अपमानित करता है और उसकी ज़िंदगी को बर्बाद करने की कोशिश करता है। लेकिन किरन इस अन्याय को चुपचाप सहने से इनकार कर देती है। वह फ़ैसल के खिलाफ आवाज़ उठाती है और अदालत में जीत हासिल कर अपनी इज्जत को वापस पाती है।हालाँकि फ़ैसल और उसका परिवार इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पाते और किरन को जान से मारने की साजिश रचते हैं। रवि नामक एक व्यक्ति किरन के जीवन में प्रवेश करता है और न केवल उसका साथ देता है, बल्कि उसे नया जीवन शुरू करने की हिम्मत भी देता है।किरन गर्भवती हो जाती है और एक बेटे को जन्म देती है, जो उसकी ज़िंदगी की नई उम्मीद बनता है। लेकिन फ़ैसल और उसका परिवार यह सहन नहीं कर पाते और एक रात किरन और उसके नवजात बच्चे की हत्या करने के इरादे से उसके घर पर हमला करते हैं।अत्यंत तनावपूर्ण इस स्थिति में, इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप सिंह समय पर पहुँचकर फ़ैसल और उसके परिवार को रोकता है। गोलीबारी में फ़ैसल मारा जाता है, और उसके परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाता है। सूर्य प्रताप सिंह की सुरक्षा और रवि के प्रेम से किरन अब एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार है, लेकिन यह कहानी केवल व्यक्तिगत संघर्ष की नहीं, बल्कि उस समाज के खिलाफ बगावत की है, जो कुप्रथाओं के नाम पर महिलाओं का शोषण करता है।यह कहानी उन तमाम महिलाओं की आवाज़ है, जो हलाला जैसी प्रथाओं के कारण पीड़ित होती हैं और अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ती हैं। किरन की जीत सिर्फ उसकी नहीं, बल्कि हर उस स्त्री की है, जो अन्याय के खिलाफ खड़ी होती है।

About the Author

a amateur hobbiest writer

Book Details

Publisher: Anuj Jain
Number of Pages: 43
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Saddle Stitched)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

किरन

किरन

(5.00 out of 5)

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1 Customer Review

Showing 1 out of 1
kaira 1 month, 4 weeks ago

fantastic

This book is a powerful and inspiring tale of Kiran, a brave and self-reliant woman who fights against the oppressive tradition of *halala*. After her first husband, Faisal, tries to ruin her life through this unjust practice, Kiran refuses to be a silent victim. Her courage and determination lead her to triumph in court, reclaiming her dignity. The story takes thrilling twists, with love and support from Ravi, and justice arriving at the right moment. This story beautifully highlights the strength of women who stand up against societal wrongs. It's a must-read, offering hope and empowerment to all.

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