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"रेत का रणबाँकुरा" एक प्रेरणादायक जीवनगाथा है — एक ऐसे वीर सिपाही की कहानी, जिसने राजस्थान की तपती रेत में जन्म लेकर भारतीय सेना में वीरता, अनुशासन और समर्पण की नई मिसाल कायम की।
यह पुस्तक सूबेदार मेजर (मानद लेफ्टिनेंट) दीप सिंह राठौड़ के जीवन संघर्ष, सैन्य योगदान और मानवीय मूल्यों की जीवंत यात्रा है।
1947 में राजस्थान के एक छोटे गाँव हमीरा से शुरू हुआ यह सफर, 1971 के भारत-पाक युद्ध, वीरता के मोर्चों, और अंततः राष्ट्र के उच्चतम सम्मानों तक पहुँचता है।
यह केवल एक सैनिक की कहानी नहीं है — यह उस मौन तपस्या की गाथा है जिसे उन्होंने देश, समाज और परिवार के लिए जिया।
इस पुस्तक में उनके:
बचपन के संघर्ष,
सेना में चयन की प्रेरक कहानी,
1971 युद्ध की रोमांचक घटनाएँ,
युद्धभूमि पर साहसी निर्णय,
और सेवानिवृत्ति के बाद समाज सेवा का असाधारण योगदान
को हृदयस्पर्शी शैली में प्रस्तुत किया गया है।
यह पुस्तक हर उस पाठक के लिए है जो साहस, अनुशासन और प्रेरणा से भरपूर जीवन के उदाहरणों को पढ़ना चाहता है।
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