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पुस्तक विवरण
गहना कर्मणो गतिः — कर्म का रहस्य गहरा है।
क्यों किसी का अच्छा कर्म तुरंत फल नहीं देता, और किसी का गलत कर्म भी सहजता से चलता दिखता है?
क्यों कुछ लोग सब कुछ पाने के बाद भी खाली महसूस करते हैं, जबकि कुछ साधारण लोग भीतर से संतुष्ट रहते हैं?
यह पुस्तक इन्हीं अनुत्तरित प्रश्नों का उत्तर देती है — कर्मों के सिद्धांत के माध्यम से।
कॉर्पोरेट जीवन की तेज़ रफ़्तार, सामाजिक उलझनें और आत्मसंघर्ष के बीच लेखक दिखाते हैं कि हमारे हर निर्णय, हर भावना और हर विचार कैसे कर्म के जाल को बुनते हैं।
सरल भाषा और वास्तविक जीवन की कहानियों के माध्यम से यह पुस्तक बताती है कि —
कर्म केवल भाग्य नहीं बनाता, बल्कि हमारे विचारों की दिशा तय करता है।
यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो यह समझना चाहते हैं —
“घटनाएँ जैसी घटती हैं, वैसी क्यों घटती हैं?”
यदि आप जीवन में हो रही घटनाओं का अर्थ जानना चाहते हैं, तो ‘गहना कर्मणो गतिः’ आपको अपने भीतर झाँकने का आमंत्रण देती है।
Good read
Book mentions good understanding of principle of Karma with modern day examples