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jazbaat (जज़्बात)

my words
DEV PANCHAL
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹169 + shipping
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Description

जज़्बात संग्रह है मेरे जीवन के अनुभवों का, कुछ मीठे पर अधिकतम कड़वे अनुभव | चुनौतियां जिनका पार पाना आसान ना था | वे पल जो मैंने प्यार में जीते हुए जीए मगर अंत में हार मिली | वो आँसू वो हँसी जिनको मैंने अपनी ग़ज़लों में, अपनी कविताओं के जरिए कहने का प्रयास किया है | दौड़ भाग भरी जिंदगी में, पल में ख़ुशी, पल में ग़म में बदलती जिंदगी में मैं तब इतना नहीं रो पाया जितना मैं उन पालो को याद करते हुए ये गजले कहते हुए रोया | लेकिन जब लगा के कुछ अच्छा लिख पाया तब हर एक आँसू मुस्कुरा उठा | इस उथल पुथल के बीच जो लिखा वही साझा कर रहा हूँ | पढ़िए और मुस्कुराइए |

About the Author

मेरा नाम गणेश पांचाल है। हाँ, इस तरह से मेरी पहचान मेरे सभी दस्तावेजों में हो जाती है। लेकिन जब मैं लिख रहा हूं मैं बस देव हूं। देव परिवर्तन, अहंकार या कुछ और नहीं है। यह मेरे अंदर सिर्फ एक कवि, एक लेखक या एक सम्पूर्ण लेखक के रूप में उभरने के लिए एक व्याकुल व्यक्ति है। मैं ऐसा इसलिए कहता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यदि आप अपनी कला से संतुष्ट हैं, तो आप बेहतर नहीं होना चाहते । कभी भी अपने आप में बेहतर खोजने की चाह को रोके ना। मैं भारत के सबसे पवित्र शहरो में से एक उज्जैन से हूं। मैंने वहीं जन्म लिया, अपनी सारी पढ़ाई वहीं पूरी की, और वहीं लिखना शुरू किया। अभी मैं शहर से दूर एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम कर रहा हूं | जिनसे मैं प्यार करता हूं, सभी लोगों, मेरे दोस्तों, मेरे परिवार को छोड़कर। इसलिए मैं यहां लिख रहा हूं। हर किसी को एक पत्र, मुझे एक पत्र, और इस खूबसूरत दुनिया को एक पत्र यह सोचकर कि नौकरी मेरी जरूरतों को पूरा करेगी और लिखने का यह जुनून मेरी आत्मा को तृप्त करेगा

आपको विश्वास नहीं होगा कि मैंने अपनी पहली कविता सूरज पर लिखी थी। हाँ, सूरज की व्यथा। उस समय मैं कक्षा 9 वीं में था। उसी वर्ष, मैंने एक निबंध प्रतियोगिता के लिए माँ पर इस बार अपनी दूसरी कविता लिखी, मेरी बहन के द्वारा दी हुई सलाह को मानते हुए के एक निबंध के अंत में उससे सम्बंधित कविता लिख दी जाए तो निबंध निखर उठता है लेकिन किस्मत ने विजय किसी और के लिए तय की और मुझे खुद को दूसरे पायदान से संतोष करना पड़ा, लेकिन कविता मेरे साथ रही। तीन साल बाद मैंने कक्षा 12 वीं में एक स्कूल पत्रिका के लिए उसी कविता का इस्तेमाल किया, जहाँ मुझे लेखन में अपना आत्मविश्वास मिला। स्कूल में हर कोई इस कविता के बारे में बात करने लगा । यहां तक ​​कि एक शिक्षक जो मुझे कोई विषय नहीं पढ़ा रहा था, वह मुझसे मिलने आया और मेरी कविता के लिए बहुत सराहना की, मुझे बहुत अच्छा लगा और वह दिन मेरे लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया। मैंने कॉलेज के अपने पहले वर्ष में एक कविता प्रतियोगिता में उसी कविता का पाठ किया, जहाँ मुझे पहला पुरस्कार मिला। तो मैं आसानी से कह सकता हूँ कि इस दुनिया में एक समय में जहाँ सभी कवि कविताएँ बना रहे थे, एक कविता कहीं एक कवि बना रही थी।

Book Details

Number of Pages: 64
Dimensions: 5"x7"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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