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भाग्य क्रूर है जैसे दिखावे भ्रामक हैं।
जाह्नवी गोयल बड़ी योजनाओं और आकाँक्षाओं वाली चिकित्सा विज्ञान की एक शानदार छात्रा है, लेकिन वह दुखद रूप से जीवन की क्रूरता का शिकार हो जाती है। उसने ऐसा भाग्य पाया है जिसकी उसने कभी कामना भी नहीं की थी। फिर भी बिना किसी हिचकिचाहट के वह चाहती थी कि इससे पहले कि दुनिया उसके लिए समाप्त हो जाए वह दुनिया के तमाम भौतिक सुखों को गहराई से अनुभव करें ।
अपनी मृत्यु से पहले जीवन जीने और उसके आनंद के संपूर्ण उपभोग के उसके आवेगी संकल्प ने उसे ऐसी अनिश्चित स्थिति में डाल दिया कि उसे अपने प्रोफ़ैसर जतिन अग्रवाल और अपने भाई करण गोयल के विरोध का सामना करना पड़ा।
विश्व प्रसिद्ध सर्जन होने के अलावा जतिन अग्रवाल सर्जरी का प्रोफ़ैसर भी हैं। वह अग्रवाल परिवार का इकलौता वारिस है। एक अत्यधिक कुशल सर्जन है जो अपने रोगियों और साथियों...
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