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साहित्यिक- अनुसंधान प्रविधि का संबंध साहित्यिक कृतियों के गहन अध्ययन , विश्लेषण एवं समीक्षण के उपरांत नवीन तथ्यों की खोज कर निष्कर्ष प्राप्ति की चेष्टा से किया गया प्रयत्न है ; जिसके माध्यम से साहित्यिक कृतियों का मूल्यांकन रचनात्मक एवं शिल्पगत संरचना के आधार पर तो किया जाता ही है लेकिन इसके साथ ही साथ इन रचनाओं में प्रतिबिंबित समाज, संस्कृति, इतिहास ,राजनीति और मानव मनोविज्ञान के विविध पहलुओं का भी विश्लेषण किया जाता है ; क्योंकि साहित्यिक अनुसंधान पद्धति साहित्य को केवल एक कला के रूप में ही नहीं देखती; बल्कि एक जीवंत विचारधारा के रूप में जानने और समझने का अवसर भी प्रदान करती है। साहित्यिक अनुसंधान का कार्य केवल मौजूदा ग्रंथों की समीक्षा करना नहीं है; बल्कि उसमें नवीन दृष्टिकोण एवं मौलिक संदर्भों को उजागर कर साहित्य को एक व्यापक सामाजिक परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता विकसित करना भी है।शोधकर्ता जब किसी साहित्यिक कृति का अध्ययन करता है; तो वह केवल शब्दों का अर्थ ही ग्रहण नहीं करता; बल्कि उसके पीछे छिपे गहरे सामाजिक-आर्थिक और मनोवैज्ञानिक तत्वों की भी खोज करता है। प्रस्तुत पुस्तक "साहित्यिक अनुसंधान-प्रविधि: सिद्धांत, प्रक्रिया और अनुप्रयोग" साहित्यिक अनुसंधान की बुनियादी अवधारणाओं, अनुसंधान पद्धतियों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर केंद्रित है। इसमें पाठ-विश्लेषण, तुलनात्मक अध्ययन, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भों की खोज, तथा विभिन्न सैद्धांतिक दृष्टिकोणों की चर्चा की गई है। यह ग्रंथ शोधार्थियों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा; जिससे वे अपने शोध- कार्य को अधिक व्यवस्थित, तार्किक और प्रभावशाली बना सकें।
साहित्यिक अनुसंधान केवल ग्रंथों के अध्ययन तक सीमित नहीं है; बल्कि यह नए दृष्टिकोण को विकसित करने, विचारों का विस्तार करने और समाज के प्रति साहित्य के योगदान को समझने की भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। आज के युग में शोध प्रक्रिया पारंपरिक पद्धतियों से आगे बढ़कर डिजिटल युग के साधनों को भी अपनाने लगी है। इस पुस्तक में परंपरागत अनुसंधान पद्धतियों के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी उपकरणों और डिजिटल संसाधनों जैसे डेटा विश्लेषण, कॉर्पस स्टडी, और ऑनलाइन शोध उपकरणों के उपयोग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। यह पुस्तक साहित्यिक अनुसंधान के विभिन्न चरणों को सरल एवं क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत करती है। शोध प्रश्नों को तैयार करने से लेकर शोध पद्धतियों के चयन, डेटा संकलन, और निष्कर्ष निकालने तक की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन शोधार्थियों के लिए सहायक होगी; जो साहित्य के क्षेत्र में शोध कार्य कर रहे हैं और जो साहित्यिक सिद्धांतों तथा अनुसंधान प्रविधियों को अपने अध्ययन में लागू करना चाहते हैं।
इस ग्रंथ की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह साहित्यिक अनुसंधान में बहुआयामी दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। यह पुस्तक पारंपरिक शोध प्रविधियों जैसे पाठ्य विश्लेषण (Textual Analysis), ऐतिहासिक विधि (Historical Method), तुलनात्मक अध्ययन (Comparative Study) आदि पर सविस्तार प्रकाश डालती है; साथ ही समकालीन शोध विधियों, जैसे अंतःविषयक (Interdisciplinary) और डिजिटल अध्ययन (Digital Humanities) को भी समाहित करती है।
यह पुस्तक साहित्यिक अनुसंधान की जटिलताओं को सरल रूप में प्रस्तुत करने का एक लघुतम प्रयास है। आशान्वित हूँ कि यह पुस्तक साहित्यिक शोध के क्षेत्र में न केवल नई संभावनाएँ प्रस्तुत करेगी; बल्कि शोधकर्ताओं, शिक्षकों, साहित्यप्रेमियों , अन्वेषणकर्ताओं और उच्च शिक्षा से जुड़े विद्वानों के लिए उनके अध्ययन को और अधिक गहनता और नवीनता प्रदान करने में भी सहायक एवं उपयोगी सिद्ध होगी।
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